थायरॉइड की समस्या को करना है कम, तो इन योगासनों का करे अभ्यास

Update: 2023-05-24 17:52 GMT

लाइफस्टाइल: तनाव के कारण कई तरह की समस्या हो सकती हैं, इसमें हाइपोथायरायडिज्म की शिकायत होना आम है। थायराइड गले में स्थित एक छोटी ग्रंथि है, जिससे कई आवश्यक हार्मोन निकलते हैं। ये हार्मोन मेटाबाॅलिज्म, शरीर के तापमान और विकास के लिए जरूरी होते हैं। लेकिन थायराइड का स्तर बढ़ने या कम होने से शरीर को नुकसान हो सकता है। थायराइड होने पर पीड़ित का वजन कम या अधिक हो सकता है।

थायराइड की शिकायत किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। वैश्विक स्तर पर थायराइड की समस्या तेजी से बढ़ रही है। लोगों को थायराइड के प्रति जागरूक करने और बचाव के तरीकों के बारे में बताने के उद्देश्य से हर वर्ष 25 मई को वर्ल्ड थायराइड डे मनाया जाता है। कुछ योग मुद्राएं थायराइड के स्तर को संतुलित करने में सहायक होती हैं। ऐसे में थायराइड के स्तर को नियंत्रित करने और स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने के लिए कुछ योगासनों का नियमित अभ्यास करना चाहिए।

 

सेतुबंधासन थायराइड में असरदार

ब्रिज पोज यानी सेतुबंधासन के अभ्यास के कई लाभ होते हैं। इससे पीठ व रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और थायराइड के लक्षणों को कम किया जा सकता है।

सेतुबंधासन के अभ्यास के लिए पीठ के बल लेटकर पैरों को कंधे की चौड़ाई से थोड़ी दूरी पर रखते हुए घुटने मोड़ लें। हथेलियों को खोलते हुए हाथ को जमीन पर सटाकर सांस को लें और कमर के हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं। अब सांस छोड़ते हुए पुरानी वाली स्थिति में आ जाएं।

 

थायराइड होने पर करें कोबरा पोज

इस आसन से गले और थायराइड को उत्तेजित करने में सहायता मिलती है। कोबरा पोज के अभ्यास के लिए जमीन पर लेटकर हथेलियों को फर्श पर कंधे की चौड़ाई से अलग करें। सांस लेते हुए छाती को फर्श से उठाएं और छत की ओर देखें। शरीर को दोबारा फर्श पर ले जाएं और योग को दोहराएं।

 

कैट-काउ पोज

थायराइड की समस्या को नियंत्रित करने के लिए कैट काऊ पोज का अभ्यास करें। इस आसन से गले में रक्त के प्रवाह को निरंतर जारी रखने में फायदा मिलता है। इस आसन को करने के लिए कलाइयों और घुटनों को मोड़कर जानवरों जैसी मुद्रा बना लें। गहरी सांस लें और छोड़ें। रोजाना 10 मिनट यह अभ्यास करें।

  

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