- Home
- /
- खुसुर फुसुर
You Searched For "खुसुर फुसुर"
कभी न कभी तो हमारी भी तकदीर चुनावी समुंदर की लहरों से मिजाज बदलेगी
ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव पूछ लेते वो बस मिजाज मेरा,किताना आसान था इलाज मेरा । किसी शायर ने चुनाव लड़ रहे उन बागियों के दिल का हाल बयां किया है। जो भाजपा और कांग्रेस टिकट से वंचित होकर...
7 Feb 2025 5:36 AM GMT
है दफ्न कितनी रौनकें मुझमें मत पूछ, हर बार उजड़ कर बसता रहा वो शहर हूं मैं
ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव नगरीय निकाय चुनाव अब पूरी तरह सर्कस की तरह हो गया है। जिसे पार्टी से टिकट नहीं मिलता वो निर्दलीय चुनावी जंग में उतर जाता है। और जिसे पार्टी टिकट देती है उसके तो पैर जमीन...
31 Jan 2025 5:55 AM GMT
ये हवाएं उड़ ना जाएं लेके कागज़ का बदन, दोस्तों मुझ पर कोई पत्थर जरा भारी रखो
27 Dec 2024 6:52 AM GMT
अब जब जलेबी की तरह उलझ ही गई है जिंदगी, तो क्यों न चाशनी में डूब के मज़ा ले लिया जाए
11 Oct 2024 5:31 AM GMT
उनसे कह दो कतरा नहीं समुंदर हूं मैं, डूब गए वो खुद, जो मुझको डुबाने में लगे हैं
4 Oct 2024 5:47 AM GMT