कभी न कभी तो हमारी भी तकदीर चुनावी समुंदर की लहरों से मिजाज बदलेगी
ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव
पूछ लेते वो बस मिजाज मेरा,किताना आसान था इलाज मेरा । किसी शायर ने चुनाव लड़ रहे उन बागियों के दिल का हाल बयां किया है। जो भाजपा और कांग्रेस टिकट से वंचित होकर बागी बनकर चुनाव मैदान में उतर गए है। राजनीति का असल मिजाज तो चुनाव के समय ही सामने आता है। शायऱ को भी एसे चुनावी शायऱी से परहेज करना था पर वो आजादी के बाद से पार्टी के लिए सेवा करने वालों की दर्द की अच्छी तरह जानते है । किसी पार्टी के दिल जले ने आज से 50 साल पहले देश के चुनाव के दौरान उस शायर से अपना दर्द बयां किया था, जो शायऱ के दिल पर भी आघात पहुंचाय़ा और वहीं शायर बनकर निकल पड़ा। जिसे आजादी के बाद से अब तक टिकट से वंचितों की फौज बागी बनकर इसी शायरा को दोहरा रहा है। वंचितों का कहना है कि कभी न कभी तो हमारी भी तकदीर चुनावी समुंदर की लहरों से मिजाज को किस्मत में बदलेगी। क्योंकि कहा जाता है कि जंग औऱ मौहब्बत के बाद राजनीति में सब कुछ जायज़ है।
महंत की सफाई नहीं आ रही काम ...
पूर्व विधानसभा अध्य़क्ष डा. चरणदास महंत के नेतृत्व को दिए बयान गले की हड्डी साबित हो रही है। लाख सफाई देने के बाद भी पार्टी के कद्दावर नेता नाराजगी जाहिर करते हुए कटघरे में खड़े कर रहे है। चरण दास महंत ने कहा था कि अगला चुनाव हम टी.एस. सिंह देव के नेतृत्व में लड़ेंगे। गौरेला में चुनाव प्रचार के दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस में एक दूसरे को मामू बनाने का काम पुराना है। टी.एस. सिंह देव को ये लोग बार-बार चने के झाड़ पर चढ़ाकर गिरा रहे हैं। लेकिन जब मौका लगेगा तो खुद महंत जी आगे कूद पड़ेंगे। कांग्रेस पार्टी अपने अनोखे कारनामे के लिए ही जाने जाते है।जनता में खुसुर-फुसुर है कि जुबान तो अच्छे -अच्छे लोगों की फिसल जाती है। इस बार महंत ने कोई नया नहीं किय़ा है। विधानसभा चुनाव के समय भी जिन विधायकों और मंत्रियों के टिकट कटे वो तो यहां तक कह दिए थे कि टिकट बेचा गय़ा। ये तो नेतृत्व की बात है। महंत ने सफाई में कहा कि जिस संदर्भ में लोग हवा उड़ा रहे वो दरअसल सरगुजा क्षेत्र की बात थी, लेकिन कुछ विघ्न संतोषियों ने तिल को ताड़ बनाकर पार्टी में नेताओ्ं के बीच गलतफहमी की बीच बो रहे है। सरगुजा में टीएस के नेतृत्व की बात थी जिसे कहा औऱ से जोडक़र आपसी वैमनस्य को बढ़ा रहे है।
ब्लेक लिस्ट वर्सेस व्हाइट लिस्ट
मेडिकल उपकरण सप्लाई करने वाली कंपनी को सीजीएमएससी में घटिया सामान सप्लाई करने की वजह से शासन ने ब्लेक लिस्ट कर दिया है। अब ब्लेक लिस्ट करने से क्य़ा फायदा, कंपनी ने तो अपने ब्लेक मनी को व्हाइट कर लिया है। अब चिडिय़ा चुग गई खेत। जनता में खुसुर-फुसुर है कि शासन ने बहुत अच्छा काम किया लेकिन एक कमी रह गई जितने अधिकारी कर्मचारी इस घोटाले में शामिल थे,. उन्हें भी नौकरी से निकाला जाए. तब तो ब्लेकलिस्ट की सार्थकता है। वरना यो फिर किसी एसी कंपनी को ढूंढ लेंगे।
शिक्षा के मंदिर में डाकू
पिछले दिनों सीबीआई ने नैक रेटिंग के लिए रिश्वतखोरी मामले में कार्रवाई करते हुए नए टीम को दस लोगों को पकड़ लिया इसमें द्ेश के अन्य िविव के 9 लोगों सहित बिलासपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में केिमकल इंजीनीयिरंग विभागाध्यक्ष एवं नैक टीम के अध्यक्ष रहे एक प्रोफेसर को धर दबोचा। अब ये समझ नहीं आ रहा कि शिक्षा के मंदिर में बैठकर यो खुद चोरी, घोटाला कर रहे तो छात्रों को क्या शिक्षा देंगे। या छात्र इनसे क्य़ा सीखेंगे , चोरी करना या घोटालेबाजी करना। जनता में खुसुर फसुर है कि अब घटिया से घटिया विवि भी एसे घोटलो बाजों से मिलकर ए- ग्रेड हासिल कर छात्रों से मनमानी फीस वसूल रहे है। जिनके डिग्री की अहमिय़त सिर्फ एक कागज का टुकड़ा ही है, एसे विवि भी नैक टीम को घूस देकर ए ग्रेड हासिल कर लिए हैं। सरकार को चाहिए की एसे विवि और प्रोफेसरों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए ताकि छात्रों का भविष्य बरबाद न हो । और एसे प्रोफेसरों को या कर्मचारिय़ों को कड़ी से कड़ी सजा मिले जिससे दूसरे एसे घोटाला करने के पहले हिम्मत ही नहीं जुटा सके।
दादी का दु:ख
शराब घोटलेमें अंदर पूर्व मंत्री कवासी लखमा को दादी के नाम से भी जानते है, शराब घोटाले के मामले में जेल की शोभा बढ़ा रहे है। कि पिछले दिनों उनके हरकत से जेलर औऱ जेल के सिपाही सहित अन्य कैदी भी परेशान हो गए थे, दरअसल दादी जेल में मुर्गा और दारू की मांग कर रहे थे, इतना ही नहीं सोने के लिए गद्दा तकिया भी मुलायम मांग रहे थे.। शायद दादी भूल गए थे, कि वे सरकारी रेस्ट हाउस में नहीं बल्कि सरकारी जेल में है। उन्हें उनके बाजू वाले सेल में रह रहे उन्हीं के पार्टी के विधायक देवेंद्र यादव सांत्वना दे रहे ते कि कुछ दिन सब्र करिये सब इंतजाम हो जाएगा। जनता में खुसुर-फुसुर है कि समय समय कीा बात है कभी दादी दारू विभाग के मंत्री थे, आज एक पौव्वा के लिए तरस रहे है।
सीएम ने रायगढ़ में घोल दी मिठास
जिस प्रकार चाय बेचने वाले नरेंद्र मोदी आज देश के प्रधानमंत्री और दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं, ठीक उसी तरह चाय बेचने वाले भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता, महापौर प्रत्याशी जीवर्धन भाई भी जनता के आशीर्वाद से रायगढ़ के महापौर बनेंगे। रायगढ़ में कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी ने महापौर प्रत्याशी जीवर्धन चौहान की चाय दुकान में चाय बनाकर सभी को पिलाय़ा। वही सीएम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जब चुनाव प्रचार के लिए जब रायग़ढ़ पहुंचे तो भाजपा के महापौर प्रत्याशी जीवर्धन चौहान के चाय ठेले में चाय बनाकर लोगों को चाय पिलाया। सीएम की सहृदयता के कायल हुए नागरिकों ने सीएम को साधुवाद देते रहे। जनता में खुसुर-फुसुर है कि जीवर्धन 29 साल से जमीनी कार्यकर्ता के रूप में जनता से जुड़े रहने का प्रतिफल यह मिला की उनके ठेले पर सीएम पहुंचे और चाय बनाकर लोगों ताजगी और स्फूर्ति बनाए रखने का संदेश दिया। इस मौके पर सीएम ने कहा कि जीवर्धन की चाय से ज्य़ादा उनकी जुबान मीठी है।