छत्तीसगढ़

पानी रे पानी तेरा रंग कैसा, जिसमें मिला दो लगे उस जैसा

Nilmani Pal
17 Jan 2025 6:05 AM GMT
पानी रे पानी तेरा रंग कैसा, जिसमें मिला दो लगे उस जैसा
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ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव

कवासी लखमा क्य़ा गिरफ्तार हुए नेता से लेकर नौकरशाहों की नींद हराम हो गई है। न जाने और कोई नया खुलासा हो जाए और उसमें हमारा नाम आ जाए। ईडी के वकील ने तो अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा से भी बड़ा सरगना बताया इस बात की पुष्टि कर दी है कि भ्रष्टाचार की गंगा ऊपर से नीचे की ओ्रर बहती है। अब इसमें नया मोड़ आ गया है भाजपा प्रदेश प्रभारी ने तो भूपेश बघेल की भी गिरफ्तारी की भविष्यवाणी कर दी है, वहीं भूपेश बघेल ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस लेकर कहा कि घोटाले में एक रुपया नहीं मिला। वही टीएस सिंहदेव ने कहा कि कवासी लखमा अनपढ़ हैं मगर नासमझ नहीं हैं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि अब तो ईडी ही सबसे ज्यादा समझदार नजर आ रही है जो समय काल के साथ तथ्यों के 2 हजार पेज का पुलिंदा बनाकर कोर्ट में पेश किया जिस पर कारऱ्वाई करते हुए कृवासी लखमा,अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर पर शिकंजा कसा और अब विवेक ढांड को सरगना बता कर राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में तहलका मचा दिया है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि शराब तो शराब है जो नशे से मदहोश करता है पर पानी को शराब बता कर नकली होलोग्राम लगाकर बेचने पर भी वह बेअसर ही रहेगा। पानी तो पानी है जिसमें मिला दो उसी के रंग में रंग जाता है। अब विवेक के अविवेकपूर्ण कार्य का तो वकील से लेकर सारे साक्ष्य ढोल पीट रहे है। कौन होगा अगला ईडी के टारगेट में यह तो वक्त बताएगा। सरकार बदलती है लेकिन अधिकारी वही रहते है सरकार के साथ अधिकारी भी उनके हो जाते है इसी बात पर किसी ने ठीक ही कहा है कि पानी रे पानी तेरा रंग कैसा, जिसमें मिला दो लगे उस जैसा ।

मंत्रियों के बिगड़े बोल

चिटफंड कंपनी में निवेश करनी वाली महिलाओ ने अपनी गाढ़ी कमाई के पैसे लेकर चंपत हुए चिटफंड कंपनी से पैसा वापस दिलाने को लेकर मंत्री के कोरबा आगमन पर महिलाओ्ं ने धरना प्रदर्शन कर मंत्रियों से गुहार लगाई । मंत्रियों के रास्ता रोकने पर मंत्री के बोल बिगड़ गए । मंत्री लखनलाल देवांगन ने धरऩा देकर रास्ता रोक रहे महिलाओ्ं की समस्या सुनने के बजाय़ चेतावनी लहजे में यह कहा कि ज्यादा नेता गिरी मत करो , नहीं तो फिकवा दूंगा। जनता में खुसुर-फुसुर है कि भैया नेतागिरी का ठेका तो एक विशेष वर्ग का ही है। जो सत्ता से बाहर होता है वह गुहार लगाता है, जो सत्ता में होता है वह आंखें तरेरता है। चिटफंड वाला तो करोड़ों लेकर चंपत हो गया । जिसके नेता लोग ही संरक्षक होकर उनके कार्यालयों का फीता काट कर लोगों को यह बताते रहे है कि कंपनी लोगों का भला करने वाली है जमकर निवेश करो यह नहीं बताया कि बाद में रोना पड़ेगा। सरकार किसी की भी रहे जनता के हिस्से में आंसू ही आता है। उसी का बदला जनता चुनाव में चुकाता है, नेता डाल-डाल तो वोटर पांत-पांत ।

सरकार ले बड़ा फैसला जनता की मांग

विष्णु के सुशासन के कायल जनता जनार्दन ने मांग की है कि जब से सरकार बनी है तब से जितने भी राजनेता और अधिकारी रहे है उनके परिवारजनों , सगे संबंधियों, रिश्तेदारों को पीएससी के माध्यम से अनैतिक तरीके से परीक्षा पास कराया और पोस्टिंग दी है उन सभी की जांच कर उनकी नियुक्ति निरस्त करें ताकि विष्णु का न्याय का लाभ आम जनता गरीब ,पीडि़तों को मिल सके जिसके वो हकदार है। सारे सिफारसों करने वाले और थोक में पेपर लीक कर हर साल पीएससी में घपला करने वालों पर कार्रवाई हो यह तो टामनसिंह और आरती वासनिक और श्रवण गोयल के बेटे बहू को ही दोषी नहीं । छत्तीसगढ़ में अधिकारी पीएससी के अध्य़क्ष या कंट्रोलर रहे उन सभी इस परिपाटी को आगे बढ़ाया। जनता में खुसुर-फुसुर है कि सरकार पीएससी के टामन, वासनिक और गोयल के अलावा जितने भी लेनदेन कर अपने बच्चों को नौकरी दिलवाई है उन सभी पर कार्रवाई हो वरना जो चल रहा है वो चल रहा है और आगे चलता रहेगा। घर आती लक्ष्मी किसको बुरी लगती है। समझने के लिए इशारा ही काफी।

मुझको यारों माफ करना मैं नशे में चूर हूं ..

सत्ता का नशा सिर चढ़ कर बोलता है लोगों ने अब तक सुना होगा, लेकिन अब प्रत्यक्ष देख भी रहे है । मामला बलरानपुर का है जहां सत्ता पक्ष के कुछ बड़े नेता टाइप लोग शराब के नशे में गाड़ी चलाते हुए पुलिस के चेकिंग अभियान में फंस गए । नेता को पुलिस ने पकड़ा तो नेताजी को नगावर गुजरा । नेता ने आव देखा न ताव थानेदार को कुर्सी बदलने की धमका देते हुए अकड़ के साथ बताया कि हम सत्ताधारी दल के नेता है। हमारी गाड़ी और हमारे लोगों को पकडऩे की हिम्मत की एक मिनट में कुर्सी बदलवा दूंंगा। मामला बढ़ते देख किसी राहगीर ने नेता -पुलिस की ती-ती मैं-मैं वाला वीडियों वायरल कर दिया। जब सारा मामला सोशल मीडिया में वायरल हो गया तो एसपी ने तत्काल मामले में हस्तक्षेप करते हुए मामले के सुलटाने को कहा। सत्ता दारी दल के नेता की गाड़ी को रोककर थानेदार ने अपने कर्तव्य को निभाया वही नेता ने अपनी नेतागिरी बघारते मामले को रफा दफा करने को कहकर कहा कि मुझको यौरों माफ करना मैं सत्ता के नशे में चूर हूं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि जब भी सरकार बदले तो सत्ता धारी दल के लिए नियम में संशोधन कर देना चाहिए कि इन्हें पीकर गाड़ी चलाने की छूट है। कृपया पुलिस विभाग सहयोग करें। ये आम वोटर नहीं, वोट से नोट तक का इंतजाम करने वाले नेता है जो सरकार के फंला मंत्री के समर्थक है।

कवासी के बयान ने राजनीति में मचाया हडक़ंप

ईडी ने जैसे ही पूर्व मंत्री औऱ विधायक कवासी लखमा को शराब घोटाले मामले में पकड़ा तो साफ शब्दों में कह दिया कि मैं गरीब आदमी हूं, मैं अनपढ़ हूं जहां अधिकारियों ने मुझे हस्ताक्षर करने कहा मैंने कर दिया । यदि मेरे खिलाफ कार्रवाई हुई तो मैं सारे अधिकारियों के नामों का खुलासा कर दूंगा जिसने हस्ताक्षर करवाए है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि कवासी लखमा एकदम सही बोल रहे है। उन्हें तो ये भी नहीं मालूम कि किस कागज में क्या लिखा है। अब कवासी लखमा जैसे ही अधिकारियों के नाम लेंगे गाज गिरने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। औऱ ये गाज कहां तक असरदार होगी ये तो वक्त ही बताएगा कि किसके कहने पर इस सिंडिकेट को शराब में पानी मिलाकर बेचने का लाइसेंस दिया था। पूर्ववर्ती सरकार में जिन्हें पानी का जिम्मा था वो ही पानी को शराब कहकर बेचने लगे तो उससे आने वाले पैसे का क्या होगा, पानी का काम डूबाना है और आग बुझाना है। आग नहीं बुझी तो दावानल तो बन ही जाएगा।

सिर मुंडाते ओले

पिछले दिनों उद्योग मंत्री देवांगन महिलाओं पर नाराजगी जाहिर करते दिखे , वायरल वीडियो में फ़्लोरा मैक्स कंपनी के द्वारा ठगी गईं महिलायें मंत्री जी से मदद मांगने गई हुई थीं उनकी कुछ बात मंत्रीजी को नागवार गुजरी सो उन्होंने महिलाओं से गुस्से में कह दिया कि हेकड़ी दिखाओगे तो से फिकवा देंगे। कांग्रेस को मौके की तलाश तो थी ही सो उन्होंने भी मामले को लपक लिया और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के सुशासन पर तंज कसने लगे। बाद में मंत्री जी ने सफाई दिया कि पूर्व मुख्यमंत्री सियासी फायदे के लिए विवाद को तूल दे रहे हैं और वे जिस घटना और फोटो की बात कर रहे हैं वह फ़्लोरा मैक्स पीडि़त महिलाओं की नहीं बल्कि उत्कर्ष बैंक की है। रहा सवाल फ़्लोरा मैक्स चीटिंग की तो उसके सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है। जनता में खुसुर फुसुर है कि विपक्ष तो मौका देखती ही है तिल का ताड बनाने को,आप को भी तो संयम से काम लेना चाहिए, वर्ना सिर मुंडाते ओले पडऩे वाली बात हो सकती है क्योकि सामने नगरीय निकाय चुनाव है और प्रदेश में महिला वोटरों की तादात भी कम नहीं है।

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