अपने शरीर को सक्रिय और स्वस्थ रखने के लिए स्वस्थ भोजन आवश्यक है

अपने शरीर को सक्रिय और स्वस्थ

Update: 2022-08-14 05:19 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जीवित रहने के लिए आहार बहुत जरूरी है। संतुलित आहार और पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन करके ही आपकी शरीर को अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से करने के लिए उर्जा मिल पाता है। लेकिन बात सिर्फ यहां खत्म नहीं हो जाती है, सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद खाने के चयन के साथ खाने के नियम को भी अपनाने की सलाह देता है। दरअसल, आयुर्वेद में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की प्राथमिक विधि पोषण रही है। ऐसे में आचार्यों ने खाने से संबंधित सभी छोटे बड़े आयामों को लेकर कुछ नियम बनाएं हैं जो आपके खाने को दवा बना सकती है।

ऐसे में वेदामृत के संस्थापक और आयुर्वेद एमडी डॉक्टर वैशाली ने इन नियमों को आसान भाषा में आप तक पहुंचाने के लिए हाल ही में इंस्टा पोस्ट किया है। उन्होंने यह भी बताया है आयुर्वेद के भोजन संबंधित इन सरल नियमों का यदि आप निरंतरता के साथ पालन करते हैं तो आप लंबे समय तक खूद को बीमारियों की चपेट में आने से बचा सकते हैं, और एक सेहतमंद लंबा जीवन जी सकते हैं।
जानिए आयुर्वेद में क्या है खाने के नियम
नियम 1- भूख से कम खाएं

भोजन को अच्छी तरह से मिलने और पचने के लिए हमेशा अपनी भूख से कम खाना अच्छा विचार हो सकता है। अपनी भूख का 70 से 80 प्रतिशत हिस्सा खाएं। हमेशा 70-30 नियम का पालन करें, जिसमें कहा गया है कि आपका 70% पेट भरना चाहिए और 30% खाली होना चाहिए।
नियम 2- हेवी लंच करें
दोपहर का भोजन दिन का सबसे भारी भोजन होना चाहिए, क्योंकि पाचन अग्नि और मानव शरीर सूर्य की गति का अनुसरण करते हैं। इसलिए इस समय आपके शरीर को पर्याप्त उर्जा के लिए ज्यादा मात्रा में षोषक तत्वों की जरूरत होती है। ऐसे में आयुर्वेद आपको दोपहर में भारी भोजन करने की सलाह देता है।
​नियम 3- देर रात खाना न खाएं
आज कल देर रात का खाना खाना एक फैशन सा हो गया है। लेकिन ऐसा करना आपको काफी मुश्किल में डाल सकता है। क्योंकि जैसे ही आपका शरीर रात को आराम करने के लिए तैयार होता है, हमारी पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इससे यह संभावना बढ़ जाती है कि आपके द्वारा खाई जाने वाली कैलोरी वसा के रूप में जमा हो जाएगी। इसलिए सोने से पहले खाने से परहेज करें। कोशिश करें की सोने से 3 घंटे पहले आप खाना खा लें।
​नियम 4-ताजा भोजन करें
आयुर्वेद के अनुसार भोजन को दोबारा गर्म करना उचित नहीं होता है। ऐसे में बासी भोजन से परहेज करें और अपने भोजन को बार-बार गर्म करने से बचें। दिन में बना खाना अगर रात में खाया जाए तो भी ठीक है लेकिन फ्रिज में रखा और दोबारा गर्म किया हुआ खाना आपके सेहत को बिगाड़ सकता है।
नियम 5- खाना पचने पर ही दोबारा खाएं
यदि आपको अपच का अनुभव हो रहा हो तो व्रत रखना बेहतर होता है। अगर पिछला भोजन पूरी तरह से पच नहीं पाया है और आपको अभी भी उसी के डकार आ रहे हैं, तो कृपया भोजन छोड़ दें और सोंठ के साथ गर्म पानी पिएं। ऐसा करते हुए पिछले भोजन को पचने दें तब ही दोबारा भोजन करें।


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