Health Care: भारत में डायबिटीज एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है और इसे सही डाइट से ही कंट्रोल किया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में 18 साल से ज़्यादा उम्र के लगभग 77 मिलियन लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। कुछ खाने-पीने की चीजें ब्लड शुगर लेवल को तेज़ी से बढ़ा सकती हैं, इसलिए डायबिटीज के मरीजों के लिए ये बहुत ख़तरनाक होती हैं। यहां खाने-पीने की 5 चीजें बताई गई हैं जिनसे डायबिटीज के मरीजों को अपने ग्लूकोज़ लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए बचना चाहिए।
मिठाइयां
गुलाब जामुन, जलेबी और लड्डू जैसी मिठाइयां चीनी और Refined Carbs से भरपूर होती हैं। ये ब्लड शुगर लेवल को तेज़ी से बढ़ा सकती हैं और समय के साथ इंसुलिन रेजिस्टेंस का कारण बन सकती हैं। इंडियन जर्नल ऑफ़ एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, बहुत ज़्यादा मीठा खाना डायबिटीज का एक बड़ा कारण है।
अध्ययन में इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि डायबिटीज के मरीजों को अपने ब्लड शुगर लेवल को स्टेबल रखने के लिए चीनी से भरपूर मिठाइयों का सेवन कम करना चाहिए।
ज़्यादा चीनी वाले ड्रिंक्स और फ्रूट जूस
लस्सी, मीठे फ्रूट जूस और सोडा जैसी ड्रिंक्स में चीनी की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है और ये ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को तेज़ी से बढ़ा सकते हैं। इनसे पोषण भी बहुत कम मिलता है, इसलिए डायबिटीज के मरीजों के लिए ये सही नहीं हैं। जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल एंड डायग्नोस्टिक रिसर्च की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि नियमित रूप से मीठे पेय पदार्थों का सेवन करने से भारतीय आबादी में डायबिटीज का खतरा काफी बढ़ जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक डायबिटीज के मरीजों को पानी, बिना मीठे की हर्बल टी या ताज़े फलों का इंफ्यूजन लेना चाहिए।
सफ़ेद चावल और रिफाइंड अनाज
सफ़ेद चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत ज़्यादा होता है। इसका मतलब है कि यह जल्दी पच जाता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल तेज़ी से बढ़ जाता है। मैदा जैसे अन्य रिफाइंड अनाज से भी इसी तरह का खतरा होता है। BMJ में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया है कि सफ़ेद चावल से भरपूर भोजन से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। ब्राउन राइस या साबुत अनाज खाने से ब्लड शुगर लेवल को ज़्यादा असरदार तरीके से कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
तले हुए स्नैक्स
समोसे, पकोड़े, फ्रेंच फ्राइज़ और भटूरे जैसे तले हुए स्नैक्स अनहेल्दी वसा और Refined Carbohydratesसे भरपूर होते हैं। इन फूड्स से वज़न बढ़ सकता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस हो सकता है। जिस वजह से ये डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत ज़्यादा हानिकारक हो जाते हैं। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ डायबिटीज इन डेवलपिंग कंट्रीज़ के शोध में डायबिटीज वाले व्यक्तियों में फ्राइड फूड्स का इंसुलिन सेंसिटिविटी और वेट मैनेजमेंट पर बुरा असर बताया गया है। एक्सपर्ट्स बेकिंग या ग्रिलिंग जैसे कुकिंग मेथड चुनने की सलाह देते हैं।
फुल-फैट डेयरी उत्पाद
मलाई, फुल-फैट पनीर और फुल-क्रीम दूध जैसे फुल-फैट डेयरी उत्पाद सैचुरेटेड फैट्स से भरपूर होते हैं। ये इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ा सकते हैं और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकते हैं, जिससे डायबिटीज मैनेज करना मुश्किल हो सकता है। रिपोर्ट है कि बहुत ज़्यादा सैचुरेटेड फैट्स का सेवन डायबिटीज के मरीजों में इंसुलिन रेजिस्टेंस और खराब ग्लाइसेमिक कंट्रोल का खतरा बढ़ाता है। ब्लड शुगर लेवल को बेहतर तरीके से मैनेज करने के लिए लो-फैट या फैट-फ्री डेयरी प्रॉडक्ट का सेवन करें।