Health Care: ये 5 एक्टिविटी से समय के साथ तेज होता है Brain

Update: 2024-07-20 13:33 GMT
Health Care: बढ़ती उम्र के साथ दिमाग भी कमजोर और बूढ़ा होने लगता है और ऐसा होना स्वाभाविक भी है। इसलिए उम्र बढ़ने के साथ लोगों में चीजों को भूलने की समस्या दिखने लगती है। वैसे इसके और भी कई कारण कारण हो सकते हैं, क्योंकि तनाव और नींद की कमी दिमाग कमजोर होने के सबसे मुख्य कारणों में से हैं।देखा जाए तो जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर में पोषक तत्वों की कमी होती है, खान-पान और नींद भी कुछ प्रभावित होता है। जिसका असर दिमाग पर भी पड़ता है। बड़े ही क्या आजकल कम उम्र वाले लोगों में भी भूलने जैसी समस्या देखने को मिल रही है।
इसे एक अच्छी लाइफस्टाइल और activity के साथ एक लंबी उम्र तक भी अपने दिमाग को हेल्दी और तेज रखा जा सकता है। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कुछ ऐसी ही एक्टिविटी के बारे में।
नियमित व्यायाम करें
एक्सरसाइज करना न केवल आपके शरीर को फिट रखता है, बल्कि आपके दिमाग को भी एक्टिव रखता है। नियमित व्यायाम से दिमाग में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे दिमाग में अधिक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचताहै। यह नए न्यूरॉन्स यानी न्यूरॉन कोशिकाओं का निमार्ण करता है और मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाता है।
मेडिटेशन
ध्यान करना, यानी कि मेडिटेशन भी आपके दिमाग के लिए बहुत अच्छा होता है। मेडिटेशन करने से मानसिक शांति मिलती है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है। यह तनाव को कम करता है और अच्छी नींद में मदद करता है, जो आपके माइंड हेल्थ के लिए जरूरी है।
स्विमिंग
स्विमिंग दिमाग के लिए एक बहुत ही अच्छी एक्टिविटी है, जो आपके माइंड को एक्टिव बनाए रखती है।केवल दिमाग ही नहीं, बल्कि स्विमिंग करने से आपके शरीर के सभी मांसपेशियां मजबूत होती हैं, जिससे शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। स्विमिंग करने से आपके दिमाग में भी कई फायदे हैं। स्विमिंग में की जाने वाली डीप ब्रीदिंग एक मेडिटेटिव एक्टिविटी की तरह काम करती है।
ब्रेन गेम्स
दिमाग को तेज बनाने में कई खेलकूद भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जैसे कि सुडोकू, शतरंज, क्विज और क्रॉसवर्ड आदि। इस तरह के खेल का हिस्सा बनें। इस तरह के खेल तनाव को भी कम करने में मददगार होते हैं, जो आपके दिमाग के लिए अच्छा है।
ग्रुप डिस्कशन
ग्रुप डिस्कशन में भाग लेना भी दिमाग को तेज रखने और Mental  क्षमता बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका है।डिस्कशन के दौरान आपको दूसरों की बातों को ध्यान से सुनना और समझना पड़ता है। इससे आपकी सुनने की क्षमता में सुधार होता है।
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