यदि आपका वज़न संतुलित नहीं रहता है और हर दूसरे दिन घटता बढ़ता रहता है, तो यह वॉटर रीटेंशन के लक्षण हो सकते हैं. वॉटर रीटेंशन की समस्या से शरीर के अंगों में पानी का जमा हो जाता है, जिससे शरीर के कुछ हिस्सों जैसे हाथ, पैर, चेहरे और पेट की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है. वॉटर रीटेंशन की समस्या होने पर पैरों, एड़ियों और टांगों में दर्द होने लगता है. ऐसा अक्सर तभी होता है, जब हमारा शरीर मिनरल के स्तर को संतुलित नहीं कर पाता, जिससे शरीर के टिशूज़ में पानी जमने लगता है और इसी वजह से शरीर फूलने लगता है. यदि आपको भी अपने शरीर में ऐसे लक्षण नज़र आ रहे हैं, तो घबराएं नहीं, बल्कि डॉक्टर से मिलें. साथ ही इन पौष्टिक आहारों को अपने खाने में शामिल कर आप इस बीमारी से निजात पा सकते हैं.
क्या है वॉटर रीटेंशन के कारण?
वॉटर रीटेंशन कई कारणों से हो सकते हैं, नमक का अधिक सेवन एक मुख्य वजह है. नमक का अधिक सेवन करने से शरीर मे सोडियम का स्तर बढ़ जाता है. इसलिए वॉटर रीटेंशन से छुटकारा पाने के लिए अपने खाने में नमक का इस्तेमाल पर्याप्त (कम से कम) मात्रा में ही करें. साथ ही महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन, अधिक शर्करा का सेवन, हृदय और लीवर की गंभीर बीमारी के कारण भी वॉटर रीटेंशन हो सकता है.
क्या खाएं?
मैग्नीशियम से शरीर में पानी की अधिकता यानी वॉटर रीटेंशन दूर होता है, इसलिए अपने खाने में हरी सब्ज़ियों और नट्स को तरजीह दें.
आलू, केला और अखरोट में विटामिन B6 पाए जाते हैं और यह वॉटर रीटेंशन टेंशन को दूर करने में बेहद अहम् रोल निभाते हैं. इसलिए अपने खाने में रोज़ाना आलू, अखरोट और केला अवश्य शामिल करें.
विटामिन सी वाली चीज़ों का सेवन करने से भी आपको बेहद फ़ायदा होगा. संतरा, गाजर जैसे फलों को नियमित रूप से खाने से पेशाब बार-बार लगती है, जिससे शरीर मे पानी की अधिकता कम हो जाती है.
तनाव शरीर के विषैले पदार्थ को शरीर से बाहर नहीं निकलने देते. वॉटर रीटेंशन से बचने के लिए तनाव पर क़ाबू पाना बेहद ज़रूरी है, इसलिए नियमित रूप से योग और कम से कम आधे घंटे तक एक्सरसाइज़ करें.
क्या ना खाएं?
डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों को हाथ भी ना लगाएं. दरअस्ल, इनमें अधिक मात्रा में नमक, चीनी और टेस्ट को बढ़ाने वाले तत्व पाए जाते हैं. इन्हें खाने से शरीर मे पानी की मात्रा और बढ़ जाती है और आप पहले से ही यदि वॉटर रीटेंशन के शिकार हैं, तो आपकी स्थिति और बिगड़ सकती है.
ब्रेड को अपने खाने से पूरी तरह निकाल दें, किसी भी तरह के रिफ़ाइंड आइटम को आप खाने में ना शामिल करें. इन चीज़ों के सेवन से इंसुलिन लेवल गड़बड़ा जाता है, जिसकी वजह से वॉटर रीटेंशन बढ़ सकता है.
अल्कोहल और धूम्रपान से दूर रहें. अल्कोहल लेने से शुरुआत में भले ही आपको कई बार पेशाब लगे, लेकिन बाद में डीहाइड्रेशन की समस्या होती है, जिसकी वजह से शरीर में मिनरल्स की कमी हो सकती है.