मौसम में बदलाव होते ही सेहत पर इसका असर दिखने लगता हैं। बदलते मौसम में होने वाली आम बीमारी है वायरल फीवर जिससे बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी परेशान हैं। सर्दियों के इस मौसम में रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। यही कारण है कि बुखार के बैक्टीरिया आसानी से शरीर में घर कर जाते हैं। वायरल फीवर होने पर गले में दर्द, सिर दर्द, ठंड लगना, जोड़ों में दर्द, आंखों का लाल होना, माथे का बहुत तेज गर्म होना, खांसी, थकान, कंपकंपी, उल्टी, दस्त, भूख न लगना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। अगर आपको भी ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो समय रहते यहां बताए जा रहे घरेलू उपचारों का इस्तेमाल किया जा सकता हैं। इन उपायों को अपनाकर वायरल फीवर में होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता हैं। आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में...
काली मिर्च और अदरक की चाय
काली मिर्च की चाय बनाना आसान है। आपको पहले अदरक की चाय बनानी होगी। इसके लिए पानी, दूध और पिसा हुआ/कटा हुआ अदरक उबाल लें। कुछ मिनटों के बाद, चाय की पत्तियों को थोड़ा उबालने के लिए डालें। अंत में, उस अदरक की चाय में एक चुटकी काली मिर्च डालें, और आपकी स्वस्थ चाय आपके वायरल बुखार से लड़ने के लिए तैयार है!
हल्दी और सौंठ का पाउडर
वायरल फीवर में हल्दी और सौंठ का पाउडर काफी फायदेमंद है। सौंठ यानी कि अदरक का पाउडर, जिसमें फीवर को ठीक करने वाले गुण मौजूद होते हैं। इसके लिए बस आपको एक छोटी चम्मच हल्दी, एक चम्मच काली मिर्च का पाउडर, थोड़ी सी चीनी और एक चम्मच सौंठ का पाउडर मिलाएं। इन सभी चीजों का एक कप पानी में उबाल लें। ठंडा करने के बाद थोड़ी-थोड़ी देर में पिएं।
दालचीनी
दालचीनी एक नैचुरल एंटीबायोटिक है। दालचीनी की चाय से गले में खराश, सर्दी-जुकाम के साथ-साथ बुखार की समस्या से भी आराम दिला सकती है। इस चाय को तैयार करने के लिए आप 1 कप पानी में 1 इंच करीब दालचीनी डालकर उबालें। इसके बाद आप इसमें 1 से 2 हरी इलायची भी डाल सकते हैं। इस पानी को करीब 10 मिनट तक धीमी आंच में पकाएं। जब पानी 1/3 रह जाए, तो इसे छानकर पी लें। आप चाहें तो इसमें शहद भी मिला सकते हैं।
तुलसी
वायरल बुखार के इलाज के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला घरेलू उपचार तुलसी है, मुख्य रूप से इसके एंटी-बैक्टीरियल और एंटीबायोटिक गुणों के कारण। तुलसी के पत्तों को आधा चम्मच लौंग के साथ उबालकर तुलसी का रस तैयार किया जा सकता है। जब पानी आधा रह जाए तो इसे छान लें और आपका तुलसी का रस तैयार है! इस औषधि को हर दो घंटे में आसानी से राहत पाने के लिए तब तक पियें जब तक आपको अपने लक्षणों में फर्क नजर न आ जाए।
धनिये की चाय
धनिये की चाय वायरल फीवर से छुटकारा दिलाने में आपके लिए मददगार साबित हो सकती है। इसमें कई औषधीय गुण पाये जाते हैं, जो हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है, इसलिए जब भी आपको वायरल फीवर लगे तो आप धनिये की चाय का सेवन जरूर करें। धनिया में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण कई बीमारियों को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैँ।
गिलोय
गिलोय में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो वायरल बुखार से काफी राहत दे सकते हैं। इसके लिए 4-6 लंबी गिलोय को एक 2 गिलास पानी में उबाल लें। जब ये एक चौथाई बच जाए तो इसका सेवन करें। इससे आपका इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होगा। जिससे आपको किसी भी तरह का संक्रामण रोग अपनी गिरफ्त में नहीं लेगा।
काली मिर्च और शहद
आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि काली मिर्च और शहद का मिश्रण बच्चों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। अगर आपके शिशु को वायरल बुखार हो गया है, तो आप यह मिश्रण बच्चे को दे सकते हैं। इस मिश्रण को तैयार करने के लिए 1 चम्मच में थोड़ा सा शहद लें। अब इस शहद को उंगली की मदद से फेंटें। जब फेंटते हुए शहद हल्का सा गर्म हो जाए, तो इसमें 1 से 2 चुटकी काली मिर्च डाल दें। इसके बाद इसे अपने बच्चों को चटाएं। इससे वायरल फीवर में होने वाली परेशानी दूर की जा सकती है। लेकिन ध्यान रखें कि बच्चों को शहद देते समय इसे गर्म न करें।