खर्राटों को हल्के में न लें, क्योंकि ये स्लीप ऐप्निया जैसे डिस्ऑर्डर या किसी दूसरी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकते हैं. इसलिए केवल नाक को दबाने या नोज़ स्ट्रिप्स लगाने में ही इस समस्या का समाधान न तलाशें.
एक स्वस्थ शरीर के लिए सुकून की नींद सबसे ज़रूरी होती है. लेकिन कई बार नींद में ज़ोर-ज़ोर से खर्राटे लेनेवाले जब इत्मीनान से सो रहे होते हैं, तो उन्हें पता नहीं होता है कि आसपास वालों पर क्या गुज़रती है. कई बार लोग खर्राटे को सामान्य प्रक्रिया समझकर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन कई मामलों में खर्राटे स्लीपिंग डिस्ऑर्डर का हिस्सा होते हैं, इसलिए इन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए. कई लोगों का सोते वक़्त गले के पीछे का हिस्सा दबकर संकरा हो जाता है और हमारी नाक से हवा ठीक से शरीर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाती जिसकी वजह से गले और नाक के टिशू वाइब्रेट होने लगते हैं. जिनके गले और नाक के टिशू मोटे और बड़े होते हैं, उन्हें भी अक्सर खर्राटों की समस्या होती है. इसके अलावा खर्राटे के कई और कारण हैं, जैसे-एलर्जी, जीभ मोटी होना, अधिक धूम्रपाम करना और बढ़ता वज़न. वज़न बढ़ना खर्राटों की समस्या का प्रमुख कारण है. इसलिए यदि लोग आपके खर्राटों से परेशान हैं तो आप अपने वज़न को कम करने की कोशिश करें. यहां डॉ सुधीर मेनन खर्राटों से छुटकारा पाने के पांच घरेलू नुस्ख़े बता रहे हैं.
करवट लेकर सोएं
खर्राटों के आने की एक प्रमुख वजह आपके सोने के तरीक़े पर निर्भर करती है. यदि आप पीठ के बल सोती हैं, तो इस मुद्रा में आपके गले और जीभ पर ज़्यादा दबाव बनता है और खर्राटे आने की आशंका बढ़ जाती है. इसे दूर करने का सबसे सरल उपाय यह है कि आप करवट लेकर सोएं. सोने का तरीक़ा बदलने के साथ-साथ अपनी जीवनशैली में योग को नियमित रूप से अपनाएं, इससे भी आपको काफ़ी बदलाव महसूस होगा.
पेपरमिंट ऑयल
पेपरमिंट ऑयल नाक के पैसेज को खोलने और गले के मोटे टीशूज़ को सिकोड़ने में मदद करता है. इससे खर्राटों को रोकना आसान हो जाता है. ऑयल की दो से तीन बूंदें हाथ में लेकर या रुमाल में रखकर रोज़ाना सूंघें. भाप लेने के लिए भी इस ऑयल का इस्तेमाल किया जा सकता है.
मेथी
मेथी में फ़ायटो-न्यूट्रीएंट्स के साथ-साथ ऐंटीऑक्सीडेंट और ऐंटीवायरल गुण पाए जाते हैं. यह आपके पाचन को दुुरुस्त करती है और चूंकि पाचन का खर्राटों से सीधा संबंध होता है, इससे खर्राटों को कम करने में मदद मिलती है. रोज़ाना रात को आधा चम्मच मेथी पाउडर पानी के साथ पिएं. ऐसा हर दिन करने से धीरे-धीरे खर्राटों की आवाज़ कम होने लगेगी.
यूकेलिप्टस ऑयल
नीलगिरी के तेल को इंग्लिश में यूकेलिप्टस ऑयल कहते हैं. इस में भरपूर मात्रा में ऐंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं. यह नाक के पैसेज की सूजन को कम करता है, जिससे खर्राटे कम हो सकते हैं. नियमित रूप से इस ऑयल की ख़ुशबू लेने की कोशिश करें. भाप लेने के लिए भी इस ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके इस्तेमाल से शरीर पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता.
विटामिन सी टैबलेट
विटामिन सी इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाता है और इससे साइनस साफ़ होता है. यदि आप धीरे-धीरे खर्राटे लेती हैं, तो एक महीने रोज़ाना विटामिन सी का एक टैबलेट लें. इससे कुछ ही दिनों में खर्राटे ग़ायब हो जाएंगे. आप चाहें तो विटामिन सी युक्त फल और सब्ज़ियां भी खा सकते हैं. गर्भवती महिलाएं और स्तनपान करा रही महिलाएं इस टैबलेट का इस्तेमाल ना करें.