लाइफस्टाइल : व्यस्त जिंदगी और गतिहीन जीवनशैली में बढ़ते तनाव ने आज लोगों की सहनशक्ति को कम कर दिया है। आजकल लोग थोड़ी देर काम करने के बाद जल्दी थकान महसूस करने लगते हैं। अगर आपके साथ भी यही समस्या बनी रहती है तो नियमित योगाभ्यास से आपकी समस्या दूर हो सकती है। योग करने से ना सिर्फ कई बीमारियां दूर होती हैं बल्कि व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। आइए ऐसे तीन योगासनों के बारे में बताएं जिनके नियमित अभ्यास से व्यक्ति का स्टेमिना भी बढ़ सकता है।
बालासन-
चाइल्ड पोज यानी बालासन आपके शरीर को स्वस्थ और दिमाग को तनावमुक्त रखने का एक शानदार तरीका है। बालासन करने से मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है जिससे तनाव कम होता है और शरीर का ऊर्जा स्तर अच्छा रहता है। बालासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर खड़े हो जाएं और अपने दोनों पैरों को एक साथ ले आएं। इसके बाद अपने हाथों को ऊपर उठाएं और घुटनों के बल बैठ जाएं। अब दोनों हाथों को आगे की ओर फैलाकर रखें और अपने पंजों को जोड़ लें। अब अपने कूल्हों को अपनी एड़ियों पर टिकाएं और अपने माथे को ज़मीन पर रखें। आप चाहें तो योगाभ्यास करते समय अपने सिर के नीचे तकिया भी रख सकते हैं। इस मुद्रा में 30 सेकंड से 1 मिनट तक रहें। इसके बाद अपना सिर उठाएं और अपने शरीर को आराम दें।
नौकासन-
नौकासन करने के लिए सबसे पहले अपने पैरों को सामने की ओर खोलकर फर्श पर बैठ जाएं। इसके बाद अपनी पीठ को सीधा रखते हुए अपने हाथों को अपने कूल्हों के पास रखें और अपने घुटनों को मोड़कर थोड़ा पीछे झुक जाएं। इसी स्थिति में रहते हुए गहरी सांस लें और अपने हाथों को आगे बढ़ाते हुए दोनों पैरों को ऊपर उठाएं। अपने पैरों को अपनी आंखों के करीब लाने की कोशिश करें और अपनी रीढ़ को सीधा रखें। इस स्थिति में 5 से 10 सेकंड तक रहें और फिर उसी स्थिति में वापस आ जाएं।
उष्ट्रासन-
उष्ट्रासन की सुविधा के लिए सबसे पहले योगा मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं। इसके बाद अपने घुटनों और पैरों को सीधा रखें। अपने कूल्हों को आगे की ओर धकेलते हुए पीछे झुकें। अब अपने सिर को झुकाएं और जहां तक संभव हो पीछे जाएं। अपने हाथों को अपने पैरों पर रखें। ऐसा करते समय अपनी पीठ की मांसपेशियों को आराम दें। कुछ देर इसी स्थिति में रहें और फिर वापस उसी स्थिति में आ जाएं।