बुढ़ापे में भी आंखों की बनी रहेगी तेज रोशनी, इन विटामिन आहार का करें सेवन
कम उम्र में ही आंखों से संबंधित समस्याएं आज के समय में काफी आम हो गई हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कम उम्र में ही आंखों से संबंधित समस्याएं आज के समय में काफी आम हो गई हैं। आपने भी अपने आस-पास बहुत से छोटे बच्चों को हाई पावर का चश्मा पहने देखा होगा, पर क्या पहले भी छोटी उम्र में लोगों को आंखों से संबधित परेशानियां हुआ करती थीं? जवाब है-नहीं। करीब दो दशक पहले तक आंखों की समस्याओं को उम्र के साथ जोड़कर देखा जाता था, पर अब इसमें काफी बदलाव आ गया है। खराब जीवनशैली और खान-पान में पौष्टिकता की कमी को स्वास्थ्य विशेषज्ञ कम उम्र में ही नेत्र रोगों का प्रमुख कारण मानते हैं। ऐसे में अगर आप बुढ़ापे तक आंखों की तेज रोशनी के साथ मोतियाबिंद जैसी तमाम बीमारियों से बचे रहना चाहते हैं, तो इसके लिए अभी से अलर्ट हो जाने की आवश्यकता है।
नेत्र रोग विशेषज्ञों की मानें तो अगर कम उम्र से ही जीवनशैली में सुधार के साथ आहार पर ध्यान दिया जाए तो बुढ़ापे में भी आंखों को स्वस्थ रखने का सपना पूरा हो सकता है। आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं इसके लिए आपके लिए आहार में किन पोषक तत्वों को शामिल करना सबसे आवश्यक है?
विटामिन-ए है सबसे आवश्यक
विटामिन-ए की कमी, दुनियाभर में अंधेपन के सबसे आम कारणों में से एक है। यह विटामिन आपकी आंखों की प्रकाश-संवेदी कोशिकाओं को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आवश्यक है, जिन्हें फोटोरिसेप्टर भी कहा जाता है। यदि आप पर्याप्त विटामिन-ए का सेवन नहीं करते हैं, तो आपको रतौंधी, आंखों में सूखापन या इससे भी अधिक गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। आहार से विटामिन-ए प्राप्त करने के लिए अंडे की जर्दी और डेयरी उत्पादों के साथ पीले फलों और कुछ सब्जियों का सेवन कर सकते हैं।
ओमेगा -3 फैटी एसिड
अध्ययनों से पता चलता है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड आंखों को स्वस्थ बनाए रखने में सबसे फायदेमंद हो सकती हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले आहारों का सेवन करने से आंखों में सूखेपन की समस्या से निजात पाया जा सकता है। आंखों की कई बीमारियों के जोखिम को कम करने में भी इस पोषक तत्व के लाभ सामने आए हैं। नट्स, सीड्स, सैल्मन और टूना जैसी मछलियों को ओमेगा -3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत माना जाता है।
आंखों के लिए विटामिन-सी है जरूरी
कई अन्य अंगों की तुलना में हमारी आंखों को उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट की आवश्यकता होती है, ऐसे में विटामिन-सी वाले आहार का सेवन करना आपके लिए लाभदायक हो सकता है। आंखों के स्वास्थ्य को लेकर किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि मोतियाबिंद वाले लोगों में एंटीऑक्सीडेंट की कमी होती है। जो लोग विटामिन-सी की खुराक लेते हैं उन्हें मोतियाबिंद होने की आशंका कम होती है। शिमला मिर्च, खट्टे फल, अमरूद, नींबू, संतरे और ब्रोकली सहित कई फल और सब्जियों में विटामिन-सी की अच्छी मात्रा पाई जाती है।
विटामिन ई का जरूर करें सेवन
आखिरी लेकिन सबसे महत्वपूर्ण- विटामिन-ई आंखों को स्वस्थ रखने के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्वों में से एक है। विटामिन ई, वसा में घुलनशील एंटीऑक्सिडेंट का एक समूह है जो फैटी एसिड को हानिकारक ऑक्सीकरण से बचाता है। चूंकि हमारे रेटिना में फैटी एसिड की उच्च सांद्रता होती है, इसलिए आंखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए पर्याप्त में विटामिन-ई का सेवन महत्वपूर्ण माना जाता है। बादाम, सूरजमुखी के बीज और अलसी के तेल को इस विटामिन से भरपूर माना जाता है।