जानिए पित्त की पथरी के लक्षण और बचाव के उपचार

पित्त की पथरी ( gallstones) जिसे गॉल ब्लैडर की पथरी भी कहा जाता है। गॉल ब्लैडर में स्टोन होना बहुत आम समस्या है

Update: 2022-06-07 08:26 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पित्त की पथरी ( gallstones) जिसे गॉल ब्लैडर की पथरी भी कहा जाता है। गॉल ब्लैडर में स्टोन होना बहुत आम समस्या है, जिससे 10-20 फीसदी लोग प्रभावित होते हैं। पित्त की पथरी एक ऐसी परेशानी है जो कई कारणों से होती है जैसे मोटापा, गतिहीन जीवन शैली, अत्यधिक वसा युक्त भोजन, डायबिटीज की वजह से भी ये परेशानी होती है।

इस परेशानी में फैमिली हिस्ट्री भी मायने रखती है। हालांकि ये बीमारी इतनी खतरनाक नहीं है लेकिन समय रहते इसका इलाज करना जरूरी है। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. निशांत गुप्ता से जानते हैं कि गॉल ब्लैडर स्टोन क्या है और उसका इलाज कैसे करें।
गॉल ब्लैडर स्टोन क्या हैं: पित्त की पथरी पित्ताशय में मौजूद पाचक द्रव का ठोस अवस्था में जमा होना है। पित्ताशय की थैली लीवर के नीचे एक छोटा सा नाशपति के आकार का अंग है जिसका काम पित्त को गाढ़ा करना है। यह डाइजेशन में बहुत मदद करता है। यह लीवर में बनता है गॉल ब्लैडर में स्टोर होता है और फिर इंटेस्टाइन में जाकर खाने के डाइजेशन में मदद करता है।
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. निशांत गुप्ता के मुताबिक पित्त की पथरी तब बनती है जब पित्ताशय अतिरिक्त बिलीरुबिन को तोड़ नहीं पाता। ये कठोर पत्थर अक्सर भूरे या काले रंग के होते हैं। आइए जानते हैं कि पित्त की पथरी होने के लक्षण कौन-कौन से हैं और आयुर्वेद के मुताबिक उसका उपचार कैसे करें।
पित्त की पथरी का उपचार कैसे हो रहा है: पित्त की पथरी का इलाज आयुर्वेद में बहुत अच्छे से किया जा सकता है। पिथ की पथरी का पता लगाने के लिए अक्सर डॉक्टर अल्ट्रासाउड कराते हैं। अल्ट्रासाउंड में कई बार विशेषज्ञ पित्त में मौजूद स्लज यानि किचड़ को पित्त की पथरी समझ बैठते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक पित्त की पथरी का दवाईयों से इलाज नहीं हो सकता।
इस पथरी को ऑपरेशन के जरिए ही बाहर निकाला जा सकता है। कुछ आयुर्वेदिक डॉक्टर इस पथरी को निकालने के लिए किडनी स्टोन निकालने की दवाईयों का सेवन कर रहे हैं जिससे पथरी का इलाज नहीं होता। इस पथरी से परेशान लोग कुछ देसी नुस्खों को अपना कर इस परेशानी से निजात पा सकते हैं।
गॉल ब्लैडर में स्टोन से छुटकारा पाने के लिए कुलथ की दाल काफी फायदेमंद है। इसके लिए रात को पानी में कुलथ की दाल भिगो दें। सुबह इस दाल को पकाकर खाएं। अश्मरी क्वाथ और रस का सेवन भी गॉल ब्लैडर स्टोन से निजात दिलाता है।
पत्थरचट्टा के पौधे से आसानी से गॉल ब्लैडर स्टोन से निजात पाई जा सकती है। गॉल ब्लैडर स्टोन से निजात पाने के लिए पत्थर चट्टा का 3-3 पत्तों दिन में 3 बार चबा कर खा लें।
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