Health: लटकता पेट हो या पेट में गैस, पवनमुक्तासन दिला सकता है राहत, जानें फायदे और करने का तरीका
Health: अगर आप भी इन समस्याओं से परेशान हैं तो अपने रूटीन में पवनमुक्तासन को शामिल कर लीजिए। पवनमुक्तासन पेट की चर्बी को कम करके शरीर को लचीला बनाने में मदद करता है। पवनमुक्तासन को अंग्रेजी में 'विंड रीलिविंग पोज' के नाम से जाना जाता है। इस योग को करने से शरीर में मौजूद दूषित वायु बाहर निकलकर पेट संबंधी विकारों से निजात दिलाती है। यह योग आसन करने में बेहद आसान है। आइए जानते हैं कैसे किया जाता है पवनमुक्तासन और इसे करने से सेहत को मिलते हैं क्या फायदे।
पवनमुक्तासन करने का तरीका
पवनमुक्तासन करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेटकर पैरों को एक साथ सीधा कर लें। अब अपने दाएं घुटने को अपनी छाती के पास लेकर आएं। जांघ को पेट तक लाकर अच्छे से दबाएं। अब अपना सिर उठाकर ठोड़ी को घुटनों के बीच लगा दें। ऐसा करते समय गहरी सांस लेते हुए घुटने को हाथों से अच्छे से पकड़ लें। घुटने को हाथ से अच्छे से पकड़ने पर छाती पर हल्का सा दबाव महसूस होगा, जो कि सामान्य है। अब सामान्य सांस के साथ आसन में रुकें रहें और पेट पर भरपूर दबाव पड़ने दें। यथाशक्ति रुकने के बाद अब सांस छोड़ते हुए घुटनों को ढीला कर दें। इसके बाद पूरी प्रक्रिया को बाएं पैर के साथ करें। दोनों पैरों से एक-एक बार यह आसन करने के बाद दोनों पैरों के साथ करें।
पवनमुक्तासन करने के फायदे
पवनमुक्तासन पेट की गैस दूर करने के लिए प्रभावी उपाय है। जिन लोगों को पेट फूलना, बार-बार गैस पास होना या पेट में दर्द जैसी समस्याएं बनी रहती हैं, उन्हें पवनमुक्तासन करने से फायदा मिल सकता है। पवनमुक्तासन करने से पाचन क्रिया सुधरती है और कब्ज जैसी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।
पीठ और गर्दन में लचीलापन
नियमित रूप से पवनमुक्तासन का अभ्यास करने से रीढ़ व गर्दन की हड्डियों में लचीलापन आता है। जिसकी वजह से मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होता है और इन हिस्सों में अकड़न जैसी समस्याएं नहीं रहती है।
बेली फैट
अगर आप भी बढ़ते वजन से परेशान हैं, तो रोजाना पवनमुक्तासन जरूर करें। पवनमुक्तासन करने से पेट की चर्बी कम होती है। योग विशेषज्ञों की मानें तो पवनमुक्तासन की मुद्रा में तकरीबन 1 मिनट तक रहने से बेली फैट बर्न होता है।