Health Care: इस तरह खाये खजूर पुरानी से पुरानी कमजोरी होगी दूर

Update: 2024-07-24 07:51 GMT
हेल्थ केयर Health Care: पोषण की कमी से कमजोरी आ जाती है। थकान से शरीर टूटने लगता है। ऊर्जा की कमी बनी रहती है। यह समस्या दिमाग को भी कमजोर बना देती है। कुछ लोगों को सालों से कमजोरी की समस्या रहती है। दवाएं तक असर नहीं कर पाती। ऐसे लोग इस देसी इलाज से शरीर की कमजोरी का काम तमाम कर सकते हैं।कमजोरी कैसे दूर करें? थकान-कमजोरी मिटाने के लिए ताकत और एनर्जी बढ़ाने की जरूरत होती है। इस काम के लिए खजूर
मदद कर सकता है। लेकिन अगर आप एक खास तरीके से खजूर खाएंगे तो कई साल पुरानी कमजोरी खत्म हो जाएगी। आइए खजूर खाने का असरदार तरीका जानते हैं।
खजूर खाने का सही तरीका
सबसे पहले आपको यह पता होना चाहिए इस पावरफुल फूड को खाने का सही टाइम कौन सा है। अगर आप एकदम फिट और फिजिकल एक्टिव हैं तो रात में भी खा सकते हैं। लेकिन सुबह खाली पेट अधिकतर लोगों के लिए perfect टाइम है। आप 3 भीगे खजूर को 1 गिलास दूध में उबाल लें। इस दूध को गुनगुना पीएं।
घोड़े जैसी ताकत लाने का देसी उपाय
आयुर्वेद में खजूर को मर्दाना ताकत बढ़ाने वाला माना जाता है। इसमें फाइबर, नेचुरल शुगर, प्रोटीन, आयरन, पोटैशियम होता है। नेचुरल शुगर और प्रोटीन ताकत के साथ तेजी लाते हैं। आयरन खून बढ़ाता है और पोटैशियम नसों में जान डालता है।
बीमारियों की होगी छुट्टी
इस नुस्खे में दूध के गुणों के साथ खजूर में मौजूद फ्लेवेनोइड्स, कैरोटेनोइड्स और फेनोलिक एसिड होते हैं। कैरोटेनोइड्स से दिल और आंख की बीमारी दूर होती है। फेनोलिक एसिड इंफ्लामेशन और फ्लेवोनोइड्स डायबिटीज की बीमारी से बचाते हैं। कुल मिलाकर बुढ़ापे में भी शरीर जवानी की तरह तंदरुस्त होता है।
दिमाग की बत्ती जलाने का उपाय
वैज्ञानिक इस फूड को दिमाग के स्वास्थ्य के लिए अच्छा मानते हैं। यह ब्रेन में होने वाली Inflammation को कम करता है। जो कि अल्जाइमर का बड़ा कारण है। यह बीमारी दिमाग की क्षमता को खत्म कर देती है और मुश्किलें होने लगती हैं।
ढांचा होगा तगड़ा
दूध में उबले खजूर हड्डियों के ढांचे के लिए बढ़िया हैं। एक-एक हड्डी में जान आने लगती है। टूटने-मुड़ने का खतरा कम होने लगता है। इसमें हड्डियों की बीमारी से बचाने वाले सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। बच्चों को इसका सेवन जरूर करवाना चाहिए।
इस वक्त न खाएं खजूर
-आईबीएस की दिक्कत होने पर
-भारी भोजन करने के बाद
-एलर्जी की समस्या होने पर
-डायरिया या दस्त होने पर
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