महिलाएं वर्क और पर्सनल लाइफ़ में कई किरदार निभाती हैं और ख़ास बात यह है कि हर किरदार को पूरी ईमानदारी के साथ निभाने की कोशिश करती हैं. हर किरदार में एक बैलेंस बनाए रखना उन्हें बख़ूबी आता है, लेकिन इन सबके बावजूद एक ऐसा एरिया है, जहां देखा गया है की बहुत-सी महिलाएं या तो उदासीन रहती हैं और या फिर अपने पार्टनर, भाई और पिता पर निर्भर रहती हैं. वह एरिया है फ़ायनैंशियल लिटरेसी का. फ़ायनैंशियल लिटरेसी का ज्ञान तो वैसे सबके लिए ज़रूरी है, लेकिन अगर बात करें वीमेन ऑन्ट्रप्रनर की तो उनके लिए यह और भी ज़रूरी हो जाती है, क्योंकि यह उनके ख़ुद के और उनके कार्य क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों की फ़ायनैंशियल सिक्योरिटी भी उनसे ही जुड़ी होती है. ऐसे में ज़रूरी हो जाता है की वे फ़ायनांस के बारे में अलर्ट रहे और पूरी जानकारी रखें. फ़ेमस ऑन्ट्रप्रनर, लाइफ़ स्टाइल और एजुकेशन कोच प्रीति डागा ने महिलाओं के लिए फ़ायनैंशल लिटरेसी के महत्व को साझा किया और बताया कि कैसे महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होकर ना केवल ख़ुद की और परिवार की बल्कि अपने साथ कार्यरत एम्पलॉइस की भी ज़िंदगी वित्तीय रूप से सिक्योर कर सकती हैं.
भारत में महिलाओं की फ़ायनैंशियल लिटरेसी इन वजहों से प्रभावित होती है-
स्वतंत्र निर्णय लेने में असमर्थता
एजुकेशन की कमी
महिलाओं के लिए फ़ायनैंशियल स्कीमों का अभाव
अपर्याप्त वित्तीय संसाधन
पहुंच की कमी
ऐसे में सिर्फ़ कुछ ही बातों को ध्यान में रखने से फ़ायनैंशियल नॉलेज और लिटरेसी संबंधित बहुत-सी समस्याओं से महिलाओं को निजात मिल सकती है और उनमें से कुछ प्रमुख बिंदुओं के बारे में नीचे बताया जा रहा है, ज़रूर पढ़ें!