Covid-19: नए विश्लेषण की चेतावनी, महामारी के दौरान युवाओं में डिप्रेशन और चिंता दोगुने हुए
कोरोना महामारी ने बच्चों और किशोरों की मनोवैज्ञानिक परेशानियों की दर को दोगुना कर दिया है. ये खुलासा एक नए विश्लेषण में हुआ है. शोधकर्ताओं ने स्वास्थ्य लाभ के मंसूबे को प्राथमिकता देने की मांग की है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एक नए विश्लेषण से पता चला है कि बच्चों में सब कुछ ठीक नहीं हैं. महामारी से पहले के मुकाबले बच्चों और किशोरों में डिप्रेशन और चिंता के लक्षण दोगुने हो गए हैं. शोधकर्ता शेरी मेडिगन कहती हैं, "विश्लेषण करने पर खुलासा हुआ कि महामारी ने संभावित रूप से युवाओं में वैश्विक मानसिक स्वास्थ्य संकट को उभारा है." रिसर्च में पाया गया कि जैसे-जैसे महीने गुजरते गए, युवाओं पर ये नकारात्मक प्रभाव केवल बदतर हो गए. शोधकर्ता डॉक्टर निकोल रासिन ने कहा, "आंकड़े दर्शाते हैं कि दुनिया भर में चार युवाओं में से एक चिकित्सकीय रूप से ऊंचे डिप्रेशन के लक्षणों का सामना कर रहा है जबकि पांच में से एक को चिकित्सकीय रूप से ऊंची चिंता के लक्षण हैं."
बच्चों और किशोरों में डिप्रेशन और चिंता के लक्षण दोगुने
शोधकर्ताओं ने वैश्विक सतह पर 80,879 युवाओं समेत दुनिया की 29 विभिन्न रिसर्च के डेटा का समीक्षा किया. जामा पेडियट्रिक्स पत्रिका में प्रकाशित नतीजों से सामने आया कि बच्चे और किशोर कोविड-19 महामारी के कारण मानसिक संकट का अनुभव कर रही है. रिसर्च में पूर्वी एशिया की 16, चार यूरोप की, उत्तरी अमेरिका की छह, दो मध्य और दक्षिणी अमेरिका और एक मध्य पूर्व के रिसर्च शामिल है. उससे पता चलता है कि बड़े किशोरों और लड़कियों को डिप्रेशन और चिंता के सबसे ऊंचे लेवल का सामना है.
मनोवैज्ञानिक शेरी मेडिगन कहती हैं, "हम अन्य रिसर्च से जानते हैं कि युवाओं में डिप्रेशन और चिंता के दर में उतार-चढ़ाव की प्रवृत्ति होती है और प्रतिबंध के साथ प्रवाहित होती है. जब ज्यादा प्रतिबंध थोपे जाते हैं, तो दर ऊपर जाती है. सामाजिक रूप से अलग-थलग, दोस्तों से दूर, स्कूल रूटीन और सामाजिक मेल मिलाप से एहतियात वास्तव में बच्चों पर बहुत भारी साबित हुआ है."
मानसिक स्वास्थ्य लाभ के मंसूबे को प्राथमिकता की मांग
युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण बढ़ रहे हैं, जरूरी है कि इस वक्त बच्चों और किशोरों की मदद करने के लिए ज्यादा मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम लागू किया जाए. मेडिगन ने कहा, "अगर हम कोविड-19 के निरंतर मानसिक स्वास्थ्य का प्रभाव कम करना चाहते हैं, तो हमें अब स्वास्थ्य लाभ के मंसूबे को प्राथमिकता देना होगा. न कि महामारी के खत्म होने के बाद, बल्कि फौरन क्योंकि अभी बच्चे संकट में हैं."