लाइफस्टाइल : तापमान बढ़ने के साथ ही गर्मी लगना स्वाभाविक है। गर्मी में लोग पंखा, कूलर, एसी के सहारे खुद को ठंडा रखने की कोशिश करते हैं। लेकिन कुछ लोगों को गर्मी कुछ ज्यादा ही बेहाल कर देती है। ऐसे में बेचैनी और घबराहट का अनुभव हर वक्त होता है। आयुर्वेद के अनुसार जिन लोगों को गर्मी से बहुत ज्यादा बेचैनी और घबराहट होती है। उनमे पित्त की अधिकता होती है। ऐसे में शीतली प्राणायाम का नियमित अभ्यास शरीर को राहत देता है। जानें शीतली प्राणायाम को करने का तरीका।
शीतली प्राणायाम कैसे करें
-सबसे पहले किसी खुली, साफ-सुथरी और एकांत जगह गार्डेन में बैठ जाएं।
-फिर कमालसन की मुद्रा में बैठें।
-अब मुंह खोले और जीभ को बाहर निकालकर नली की तरह आकार दें और मुंह से सांस लेने की कोशिश करें।
-फिर सांस को नाक से बाहर निकालें।
-इस दौरान ध्यान रखें कि सांस छोड़ने का समय सांस लेने से ज्यादा हो। इसका मतलब कि सांस धीरे-धीरे छोड़ें।
-रोजाना 20-30 बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
शीतली प्राणायाम को करने के फायदे
-शीतली प्राणायाम करने से दिमाग शांत होता है।
-साथ ही पित्त शांत होने से शरीर ठंडा होता है।
-शीतली प्राणायाम शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है।
-स्ट्रेस दूर करने में मदद मिलती है।
-बहुत ज्यादा भूख या प्यास, बेचैनी को कंट्रोल करता है शीतली प्राणायाम।
-गर्मी से ब्लड प्रेशर बढ़ जाने पर ये ब्लड प्रेशर को नॉर्मल करने में मदद करता है।
-पेट में हो रही जलन और दाह को खत्म करता है।