पेट दर्द एक आम स्थिति है, जिससे हम अक्सर गुज़रते हैं। पेट दर्द होने पर बिना डॉक्टर के पास जाए भी हमें पता होता है कि यह गंभीर है या नहीं। हालांकि, कुछ ऐसे संकेत भी होते हैं, जिससे पता चल सकता है कि आपके पेट दर्द को फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए। उदाहरण के तौर पर अगर पेट छूने पर ही दर्द हो या इसके साथ तेज़ बुखार, लगातार उल्टियां होना, सीने में दर्द हो, तो फौरन अस्पताल जाएं।इसके अलावा जो प्रेग्नेंट हैं या जिनकी हाल ही में पेट की सर्जरी हुई है, तो उन्हें भी अपने पेट दर्द को गंभीरता से लेना चाहिए। तो आइए जानें कुछ ऐसे लक्षणों या संकेतों के बारे में जिनके पेट दर्द के साथ दिखने पर नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
पेट दर्द कब बन जाता है इमरजेंसी?
पेट दर्द को उस वक्त गंभीरता से लें जब इसके साथ:
पेट बेहद सख्त हो जाए
पेट को छूने पर दर्द हो
खांसने या उल्टी में खून आए
उल्टी का न रुकना
दस्त में भी खून आना
सीने में दर्द या दबाव
सांस लेने में तकलीफ होना
चक्कर आना
बेहोश हो जाना
मल त्यागने में दिक्कत और साथ में उल्टी
गर्दन, कंधे में दर्द,
बुखार
अगर पेट दर्द के साथ दूसरे लक्षण भी महसूस होते हैं, तो इसके पीछे की वजह गंभीर भी हो सकती है, जैसे:
अपेंडिक्स में सूजन, जिसे अपेन्डिसाइटिज़ यानी पत्थरी भी कहते हैं
बॉवेल में रुकावट, ऐसा तब होता है जब खाना या अपशिष्ट आंत को अवरुद्ध करता है
आंत में छेद हो जाना, जिससे खाना लीक होता है
इन इमरजेंसी में पेट दर्द बेहद तेज़ हो जाता है।
इसके अलावा पेट दर्द अगर नीचे बताई गई स्थितियों के दौरान होता है, तो भी डॉक्टर को दिखाएं:
अगर आप प्रेग्नेंट हैं।
जब पेट दर्द पेट के सर्जरी के एक हफ्ते के अंदर हो जाए।
अगर एंडोस्कोपी जैसी प्रक्रिया के बाद पेट दर्द शुरू हो जाता है।
पाचन तंत्र की सर्जरी, जैसे गैस्ट्रिक बाईपास, कोलोस्टोमी, या बॉवेल सीसेक्शन के बाद पेट दर्द होना।
पेट में चोट आने के बाद दर्द शुरू हो जाए।
पेट पर किसी तरह का घाव हो या उसका आकार लगातार बढ़ रहा हो।
योनी से ज़्यादा खून आना, ब्लड क्लॉट या लंबे समय तक ब्लीडिंग होना।
रेक्टल ब्लीडिंग या मल के साथ खून आना।
डॉक्टर से कब मशवरा करना चाहिए?
कुछ ऐसे पेट दर्द होते हैं, जिनमें फौरन मेडिकल मदद लेने की ज़रूरत होती है। ऐसे में पेट दर्द होने पर यह कैसे समझें कि यह इमरजेंसी है या नहीं? शारीरिक तकलीफ होने पर अपने शरीर की सुनें और कदम उठाएं। पेट दर्द के साथ हो ऐसे लक्षणों का अनुभव तो हो जाएं सतर्क:
पेशाब करते वक्त जलन
पेशाब में खून
खाना खाते वक्त दर्द, असहज या फिर मतली जैसा महसूस होना
पांच दिन से ज़्यादा दस्त का रहना
100 डिग्री से ज़्यादा बुखार रहना
तीन दिन या उससे लंबे समय तक बुखार रहना
भूख न लगना
दर्द जो और तेज़ हो जाए, या फिर एक या दो दिन के अंदर ठीक न हो
आपको तब भी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, अगर आप कैंसर के इलाज के दौरान पेट दर्द से जूझते हैं