Yoga Tips: जो शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत पर अलग अलग असर करते हैं लेकिन इनमें सूर्य नमस्कार बेसिक और पहले चरण का आसान योगाभ्यास है। सूर्य नमस्कार के लिए न तो किसी उपकरण की जरूरत होती है, न ही जगह या समय की सीमा होती है। सही तरीके से कहीं पर भी कभी भी सूर्य नमस्कार का अभ्यास करते सेहत के लिए अनगिनत फायदे पा सकते हैं। हालांकि सूर्योदय के समय सूर्य नमस्कार करना सबसे बेहतर माना जाता है। सूर्य नमस्कार को करने से पहले शरीर को अच्छे से वार्म अप कर लेना चाहिए। चलिए जानते हैं सूर्य नमस्कार के अभ्यास का सही तरीका-
सूर्य नमस्कार करने का तरीका
सूर्य नमस्कार करने में शरीर के 10 अंग एक के बाद एक काम में आते हैं। वहीं कुल 12 चरणों में आठ तरह के आसन मिलकर एक सूर्य नमस्कार को पूरा करते हैं। यहां आपको सूर्य नमस्कार की चार स्थितियों के अभ्यास के बारे में बताया जा रहा है।
विशुद्धि चक्र
श्वास भरते हुए दोनों हाथों को कानों से सटाते हुए ऊपर की ओर सीधा करें। भुजाओं और गर्दन को पीछे की ओर झुका लें।
आज्ञा चक्र
सूर्य नमस्कार करने के लिए दोनों हाथों को जोड़कर सीधा खड़े हो जाए। अब आंखें बंद कर लें।
इसके बाद श्वास को धीरे धीरे बाहर की ओर छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। इस दौरान हाथों को गर्दन और कानों से सटाकर रखते हुए नीचे पैरों के दाएं-बाएं पृथ्वी को छुएं। इस दौरान गर्दन सीधी रखें।