World Earth Day 2021: कल है 'विश्व पृथ्वी दिवस', जानें इसका इतिहास एवं इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
पृथ्वी एक ऐसा गृह है जिसे कि मां के रूप में देखा जाता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: पृथ्वी एक ऐसा गृह है जिसे कि मां के रूप में देखा जाता है क्योंकि यह हम सभी को पालती है, हमारा पोषण करती है लेकिन दिन-ब-दिन पृथ्वी की स्थिति दयनीय होती जा रही है। ओजोन लेयर में छेद हो चुका है ,जलवायु परिवर्तित हो रही है, मनुष्य पृथ्वी के प्रति अपने कर्तव्यों से भाग रहा है, यही कारण है कि विश्व पृथ्वी दिवस का आयोजन करके विश्वभर के लोगों का ध्यान इस और आकर्षित करने का प्रयास किया जाता है। इसे दुनियाभर के 195 देशों द्वारा मनाया जाता है।
विश्व पृथ्वी दिवस का इतिहास
प्रथम बार विश्व पृथ्वी दिवस मनाने का ख्याल अमेरिका के सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन को आया था। 22 अप्रैल 1970 को पहली बार विश्व पृथ्वी दिवस मनाया गया। आगे चलकर इस दिन को मनाने के निर्णय को कई सारे देशों ने सहर्ष स्वीकारा। नेल्सन द्वारा इस दिन की शुरुआत पृथ्वी के गुणों का सम्मान करने और साथ ही लोगों के बीच प्राकृतिक संतुलन को बढ़ावा देने के लिए की गई। उन्होंने लोगों को यह संदेश दिया कि इंसान को यदि पृथ्वी पर रहना है तो उसे इसके विषय में सोचना होगा।
इसे मनाने का उद्देश्य
पृथ्वी पर जैसे-जैसे आबादी बढ़ते जा रही है, यहां प्रदूषण, प्राकृतिक संसाधनों का दोहन, बढ़ते असंतुलन के कारण वो दिन अब दूर नहीं है जब पृथ्वी रहने का स्थान नहीं बचेगी इसलिए जरूरी है कि सही समय पर सभी लोग जाग जाएं और अपनी जिम्मेदारियों को समझें और पृथ्वी के प्रति अपने कर्तव्य निभाएं इसी उद्देश्य के साथ पिछले 50 सालों से संपूर्ण विश्व में विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है।
विश्व पृथ्वी दिवस 2021 का विषय
प्रतिवर्ष विश्व पृथ्वी दिवस के लिए एक विषय निर्धारित किया जाता है। इस वर्ष की थीम पृथ्वी को पुनर्स्थापित करना रखी गई है। पृथ्वी को स्वस्थ बनाने के लिए, उस को पहले की तरह बनाने के लिए जो कुछ भी विश्व कर सकता है, उस पर विचार किया जाएगा। पिछले वर्ष विश्व पृथ्वी दिवस का विषय जलवायु कार्रवाई था जो कि वाकई एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। हर साल आयोजक एक नया विषय रखते हैं।
ऐसे मनाया जाता है विश्व पृथ्वी दिवस
विश्व पृथ्वी दिवस के दिन सबसे पहले तो लोग पृथ्वी का धन्यवाद करते हैं कि उन्हें ऐसा एक गृह मिला जहां पर जीवन मौजूद है। जीने के लिए आवश्यक हर संसाधन मौजूद है। इस अवसर पर विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन प्रतियोगिताएं होती हैं। विद्यालय और महाविद्यालयों में भाषण, निबंध एवं स्लोगन आदि प्रतियोगिताएं होती हैं। वरिष्ठ जन सेमिनारों को संबोधित करते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योजनाएं तैयारी होती हैं।