World Vitiligo Day: क्यों 25 जून को ही मनाया जाता है विटिलिगो दिवस

Update: 2024-06-25 04:53 GMT
World Vitiligo Day: हर साल 25 जून को विश्व विटिलिगो दिवसday मनाया जाता है। विटिलिगो को सफेद दाग के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसमें त्वचा पर सफेद धब्बे दिखाई देते हैं। ये किसी तरह की छुटकारा की बीमारी नहीं है और न ही कुष्ठ रोग है। इसी के बारे में लोगों को जागरूक करने के मकसद से विश्व विटिलिगो दिवस मनाया जाता है। हर साल 25 जून का दिन विटिलिगो डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को विटिलिगो की समस्या के बारे में जागरूक करना है। विटिलिगो को ल्यूकोडर्मा और सफेद दाग के नाम से भी जाना जाता है। बहुत से लोग इसे छुड़ाने की बीमारी मानते हैं, तो आपको बता दें कि ये न तो छुड़ाने की बीमारी है और न ही कुष्ठ रोग है। ये त्वचा से जुड़ी एक समस्या है। त्वचा की रंगत के लिए जरूरी मेलेनोसाइट्स सेल्स धीरे-धीरे नष्ट हो जाती हैं और इसके कारण त्वचा पर सफेद धब्बे नजर आने लगते हैं। आमतौर पर यह समस्या सबसे पहले नजर आती है। फिर धीरे-धीरे शरीर के दूसरे हिस्से पर इसका असर दिखने लगता है। इस दिन को मनाने के लिए 25 जून की तारीख इसलिए चुनी गई थी, क्योंकि यह फेमस पॉप स्टार
माइकल
जैक्सन की पुण्यतिथि का दिन है। माइकल जैक्सन भी विटिलिगो की समस्या से पीड़ित थे और उन्होंने अपनी इस समस्या और उसके चलते जिन-जिन संघर्षों का सामना किया, उस पर खुलकर बात की थी। इसी तरह देखते हुए विटिलिगो रिसर्च फाउंडेशन के सीईओ यान वैले ने माइकल जैक्सन की पुण्यतिथि पर 'विश्व विटिलिगो दिवस' मनाने के लिए चुना। पहली बार विटिलिगो दिवस वर्ष 2011 में मनाया गया। विश्व विटिलिगो दिवस को विश्व स्तर पर मनाने का मकसद लोगों को इस बीमारी के बारे में बताना है। जो लोग इस समस्या का सामना कर रहे हैं, समाज में उन्हें एक अलग ही नजरिए से देखा जाता है, उन्हें अलग-थलग कर दिया जाता है। मनुष्य पहले से ही अपनी बीमारी से परेशान रहता है, ऊपर से असभ्यता होने से उसकी मानसिक
Mental 
स्थिति पर और बुरा प्रभाव पड़ता है। विटिलिगो डे पर तरह-तरह के कार्यक्रमों और जागरूकता अभियानों द्वारा लोगों तक इस समस्या के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी पहुंचाने का प्रयास किया जाता है।
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