बिहार के इस मंदिर में रक्षाबंधन के दिन ही भाई-बहन क्यों पहुंचते हैं दर्शन करने
लाइफस्टाइल: भारत की संस्कृति और अध्यात्म की चर्चा सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में होती रहती है। पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण में ऐसे असंख्य मंदिर हैं जिसकी पौराणिक कथा दुनिया भर में फेमस है।
देश के बिहार राज्य में एक ऐसा ही मंदिर है जिसके बारे में आजकल बहुत चर्चा हो रही है। इस मंदिर में सिर्फ रक्षाबंधन के दिन ही भाई-बहन दर्शन करने पहुंचते हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर इस मंदिर में रक्षाबंधन के दिन ही भाई-बहन क्यों दर्शन करने पहुंचते हैं और इस मंदिर की पौराणिक कथा क्या है?
बिहार में भाई-बहन मंदिर कहां है?
भाई-बहन के जिस मंदिर के बारे में जिक्र हो रहा है, वो बिहार के सिवान जिले मौजूद है। भैया-बहन के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर सिवान में भीखा बांध गांव में है। इस मंदिर को सिवान और आसपास के शहरों में भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक माना जाता है। इस मंदिर को कई लोग भईया-बहिनी के नाम से भी जानते हैं।
भाई-बहन मंदिर की पौराणिक कथा
भाई-बहन मंदिर का इतिहास करीब 500 साल प्राचीन माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार प्राचीन काल में यहां एक-भाई बहन ने समाधि ले ली थी। समाधि लेने के बाद कई भाई-बहन इस स्थान को पूजने लगे। कहा जाता है कि समाधि वाली जगह दो विशाल वृक्ष है और दोनों ही एक दूसरे की रक्षा करते हैं। कई लोगों का यह भी मानना है कि इन दोनों वृक्ष की जड़ों के बारे में आज तक किसी को पता नहीं चल सका है।
क्या सच में मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है?
सिवान में स्थित मंदिर को लेकर एक दिलचस्प कहानी यह है कि यहां कोई किसी देवी या देवता की मूर्ति नहीं है। कहा जाता है कि यहां एक मिट्टी का पिंड है। इस पिंड पर पर भाई-बहन पूजा-पाठ करने पहुंचते हैं। (भगवान शिव की दूसरी सबसे बड़ी मूर्ति)
मंदिर में राखी के दिन ही भाई-बहन क्यों पहुंचते हैं?
मान्यता के अनुसार यह मंदिर भाई-बहन के लिए बेहद ही खास है। बिहार के इस अनोखे मंदिर में बहने अपने भाइयों की कलाइयों पर राखी बांधती हैं और पूजा पता करती हैं। इस दौरान बहने अपने भाइयों की खुशहाल, तरक्की और सलामती के लिए दुआ मांगती हैं। इसके अलावा भाई भी अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है और मंदिर में पूजा-पाठ करता है। (5 शिव की गुफाएं)
दूर-दूर से पहुंचते हैं भाई-बहन
सिवान में मौजूद भाई-बहन मंदिर में सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं, बल्कि अन्य शहरों से भी भाई-बहन दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। कहा जाता है कि कई भाई-बहन इस मंदिर का दर्शन करने एक-दो दिन पहले ही पहुंच जाते हैं। कहा जाता है कि राखी के दिन आसपास मेला भी लगता है।
भाई-बहन मंदिर में कैसे पहुंचें?
भाई-बहन मंदिर का दर्शन करने आप आसानी से पहुंच सकते हैं। इसके लिए आप देश के किसी भी होने से सिवान रेलवे स्टेशन पहुंच सकते हैं। सिवान रेलवे स्टेशन से टैक्सी, कैब या लोकल बस लेकर आसानी से भीखा बांध गांव पहुंच सकते हैं।