शहद या गुड़ में से कौन है ज्यादा फायदेमंद
शहद और गुड़ दोनों ही ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने का काम करेंगे लेकिन फिर भी शहद या गुड़ को अपनाना इसलिए बेहतर है
सुबह से लेकर शाम तक जितनी चीनी खाई जाती है, उससे केवल शरीर में कैलोरी बढ़ती. चीनी में केवल कैलोरी होती है इसमें कोई भी अन्य पोषक तत्व नहीं होते है. पैक्ड फूड में मिलाई जाने वाली प्रोसेस्ड शुगर या एडेड शुगर में भी केवल कैलोरी ही होती है. प्रोसेस्ड शुगर आपके मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकती है और कई बीमारियों का कारण बन सकती है. डेंटल हेल्थ के लिए ये बहुत ही खराब मानी जाती है. लिवर में फ्रकटोज को जमाने में भी इसका हाथ सबसे ज्यादा होता है. इससे नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लिवर रोग (NAFLD) हो सकता है. ये इंसुलिन प्रतिरोध और मोटापे का कारण भी बन सकता है. स्वस्थ रहने के लिए हमेशा चीनी से दूरी बनाने की सलाह विशेषज्ञों द्वारा दी जाती है. बहुत से लोग चीनी की जगह शहद या गुड़ का सेवन करते हैं. आइए जानते हैं शहद या गुड़ में से कौन ज्यादा फायदेमंद है?
क्यों खाना चाहिए शहद या गुड़ - Jaggery vs Honey Benefits In Hindi
गुड़ और शहद में आयरन, फॉस्फोरस और कैल्शियम जैसे खनिज पदार्थ होते हैं. गन्ने के रस से बनने वाली चीनी का अनरिफाइंड वर्जन ही गुड़ होता है. चीनी की जगह आप गुड़ या शहद को अपना सकते हैं, लेकिन चीनी तो चीनी है इसलिए इन वैकल्पिक चीजों का सेवन भी सीमित ढंग से ही करना चाहिए.
शहद या गुड़ में से कौन है ज्यादा फायदेमंद - Which is Healthier Jaggery or Honey in Hindi
शहद और गुड़ दोनों ही ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने का काम करेंगे लेकिन फिर भी शहद या गुड़ को अपनाना इसलिए बेहतर है क्योंकि इनमें सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं. गुड़ में मैग्नीशियम, कॉपर और आयरन प्रचुर मात्रा में होता है. शहद में विटामिन बी, विटामिन सी और पोटेशियम बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है. पेय पदार्थों को मीठा बनाने के लिए शहद और मिठाई बनाने के लिए गुड़ का उपयोग किया जा सकता है. हालांकि सफेद चीनी, गुड़ और शहद में कैलोरी की एक समान मात्रा होती है. इसलिए गुड़ या शहद खाने से भी कैलोरी की समस्या हल नहीं होगी. शहद, गुड़ और सफेद चीनी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स समान है और ये ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने का एक कारण हो सकता है. इसलिए डायबिटीज वाले लोगों के लिए गुड़ या शहद, सफेद चीनी जितना ही हानिकारक होता है.
स्टीविया का भी है विकल्प
आप स्टीविया का भी सेवन कर सकते हैं, स्टीविया नाम के पौधे की पत्तियों से निकाला जाने वाला एक प्राकृतिक स्वीटनर है. इसमें स्टेवियोल ग्लाइकोसाइड होता है, जो चीनी से करीब 150 गुना ज्यादा मीठा होता है. स्टेविया में कार्बोहाइड्रेट या कैलोरी नहीं होती है, इसलिए ये उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है, जो कम कार्ब आहार का सेवन करते हैं या वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं. डायबिटीज वाले लोग भी इसे चीनी के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि स्टीविया के लिए आपको एक आदत विकसित करने की आवश्यकता होगी क्योंकि इसमें हल्का कड़वापन होता है. गर्म पेय पदार्थ में स्टीविया मिलाने पर इसका स्वाद अलग लग सकता है.