मानसून में अपनी त्वचा की सही देखभाल के लिए निम्बोली का करें, इस्तेमाल जानिए कैसे

ऐसे में आज हम आपको मानसून में अपनी सेहत का ख्याल कैसे रखें और किन चीजों का सेवन करें इसके बारे में बताने जा रहे हैं.

Update: 2022-05-21 09:46 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मानसून में अपनी सेहत का ख्याल रखना बहुत जरुरी होता है. मानसून में कई बीमारियों के होने का डर बना रहता है. आमतौर पर मानसून में त्वचा संक्रमण (Skin infection), पेट की बिमारी (Stomach diseases)इत्यादि होने की संभावनाएं होती है. ऐसे में आज हम आपको मानसून में अपनी सेहत का ख्याल कैसे रखें और किन चीजों का सेवन करें इसके बारे में बताने जा रहे हैं.

दरअसल हम बात कर रहे हैं, नीम फल यानि निम्बोलि की. नीम एक औषधीय पौधा है. यह अपने औषधीय गुणों के चलते सभी पौधों में बहुत खास माना जाता है. तो चलिए जानते हैं नीम पर लगने वाले फल निम्बोलि के फायदे के बारे में.
त्वचा (Skin)
नीम का सेवन त्वचा सम्बन्धी बीमारियों के लिए बहुत कारगार माना जाता है. आयुर्वेद के अनुसार इसका सेवन मुहासों, फोड़े एवं दाग धब्बों को हटाने में अविश्वसनीय रूप से काम करता है. मानसून में त्वचा संक्रमण की समस्या ज्याद बढ़त जाती है. नीम के एंटी-बैक्टीरियल गुण किसी भी पिंपल्स या ब्लैक/व्हाइटहेड्स पर सकारात्मक प्रभाव डालता है. इसलिए यदि आपको त्वचा से जुड़ी कोई समस्या है तो, आप निम्बोलि का सेवन कर सकते हैं.
रक्त शोधन (Blood Purification)
मानसून यानी शरद-गर्म का शरीर पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है. आयुर्वेद के अनुसार नीम का सेवन रक्त को साफ करने के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है. नीम में प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है जो पारंपरिक रूप से रक्त शोधक के लिए एक बहुत ही प्रभावी इलाज है.
आपके मुंह को रखे स्वस्थ
नीम का उपयोग कई टूथपेस्ट और माउथवॉश में एक सक्रिय तत्व के रूप में किया जाता है और इसका उपयोग दांत दर्द के इलाज के लिए भी किया जाता है. मानसून के दौरान ठंडी हवा और बदलते मौसम के कारण संवेदनशील दांतों की शिकायत बढ़ जाती है. नीम मसूड़े की सूजन को दूर करने में मदद करता है और आपके मसूड़ों को स्वस्थ रखता है.


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