हरतालिका तीज पर मेहंदी लगाने के पीछे छुपी है ये दिलचस्प कहानी, जानें
हरतालिका तीज 9 सितंबर को है। सुहागिन महिलाओं के लिए हरतालिका तीज का पर्व बेहद खास होता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस साल हरतालिका तीज 9 सितंबर को है। सुहागिन महिलाओं के लिए हरतालिका तीज का पर्व बेहद खास होता है। इस व्रत को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है, क्योंकि इस दिन महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन को सुखी बनाने की मनोकामना और पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। कुंवारी कन्याएं सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं। सुहागिन महिलाओं के मायके से श्रृंगार का सामान, मिठाई, फल और कपड़े आदि भेजे जाते हैं। मायके से आए श्रृंगार के सामान से महिलाएं सोलह श्रृंगार करके तैयार होती हैं। सुहागिनों के श्रृंगार में मेहंदी का बहुत महत्व है। महिलाओं का श्रृंगार मेहंदी के बिना अधूरा माना जाता है। इसलिए महिलाएं पूजा से एक दिन पहले हाथों में मेहंदी रचाती हैं। इस दिन मेहंदी लगाने की एक खास वजह भी है। ये वजह माता पार्वती से जुड़ी हुई है। चलिए जानते हैं हरतालिका तीज पर सुहागिनों के मेहंदी लगाने के पीछे की कहानी।
हरतालिका तीज पर महिलाओं का मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है। इसके पीछे एक मान्यता है। दरअसल, मां पार्वती ने मन ही मन भगवान शिव को अपना पति मान लिया था। भोलेनाथ को मनाने के लिए माता पार्वती ने व्रत रखा था और अपने हाथों में मेहंदी रचाई थी। जब शिव जी ने मां पार्वती के हथेली पर लाल रंग की मेहंदी रची देखी तो वे प्रसन्न हो गए और माता पार्वती को स्वीकार कर लिया।
कन्याएं और सुहागिन महिलाएं भी इसी आस्था के साथ हाथों में मेहंदी रचाती हैं कि उनकी भी मनोकामना पूरी होगी। इसके अलावा एक वजह और है। कहा जाता है कि मेहंदी सुहाग की निशानियों में से एक है। मेहंदी का रंग जितना चढ़ता है, पति की उम्र उतनी ही बढ़ती है। इसलिए महिलाएं मेहंदी लगाने के साथ ये भी जतन करती हैं कि मेहंदी का रंग खूब चढ़े।
मेहंदी लगाने के फायदे
मान्यताओं के अलावा मेहंदी लगाने के कुछ फायदे भी हैं। मेहंदी में औषधीय गुण होते हैं, जो आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
मेहंदी ठंडी होती है। इसलिए मेहंदी को सिर, हथेली और तलवों में लगाने से शीतलता महसूस होती है। गर्मी के दिनों में व्रत के दौरान महिलाएं मेहंदी लगाकर शीतलता महसूस कर सकती हैं। मेहंदी लगाने से दिमाग शांत रहता है,जिससे चिड़चिड़ापन दूर होता है।