लाल अंगूर खाने से होते हैं ये हेल्थ बेनिफिट्स

Update: 2024-05-11 09:30 GMT
लाइफस्टाइल : लाल अंगूर अपने स्वाद के साथ-साथ न्‍यूट्रिशन पावरहाउस के रूप में जाना जाता है, जो अक्सर हेल्थ बेनिफिट्स के मामले में अन्य अंगूर की किस्मों से आगे निकल जाता है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर, लाल अंगूरों में हाई लेवल के रेस्वेराट्रोल, क्वेरसेटिन और फ्लेवोनोइड होते हैं, जिनको स्ट्रॉन्ग कंपाउंड के रूप में जाना जाता है। ये एंटीऑक्सिडेंट शरीर में बहुत जरूरी भूमिका निभाते हैं, जिससे हार्ट से जुड़ी बीमारियां और कुछ कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
इसके अलावा, रेड ग्रेप्स में विटामिन, खासकर के विटामिन सी और के से भरपूर होते हैं। जो कोलेजन फॉर्मेशन, इम्यून सपोर्ट और हड्डियों की हेल्थ के लिए जरूरी है। आइए आपको बताते हैं कि, रेड ग्रेप्स खाने से आप कैसे सेहतमंद बन सकते हैं।
मैंगनीज के अच्छे सोर्स होते हैं लाल अंगूर
यह अंगूर न सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। यह अंगूर मैंगनीज का एक अच्छा सोर्स होता है। जो हड्डियों की हेल्थ और डाइजेशन को बढ़ावा देता है। इसके अलावा लाल अंगूर खाने से इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है।
बीमारियों से रहते हैं दूर
लाल अंगूर में फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो कई बीमारियों को कम करने में मदद करते हैं। इसे खाने से कोलन कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है। लाल अंगूर खाने से कई तरह की एलर्जी से भी छुटकारा मिलता है।
एंटीऑक्सीडेंट का पावरहाउस
एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर लाल अंगूर कई हेल्थ रिलेटेड प्रॉब्ल्म्स को दूर करने में मदद करता है। इसमें अन्य फलों की तुलना में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है। जो आपको कई बीमारियों से बचाने में मददगार है।
डाइजेशन अच्छा होता है
लाल अंगूर में मौजूद पोटेशियम और फाइबर आपकी हेल्थ को बनाए रखने में मदद करते हैं। रेगुलर रूप से लाल अंगूर खाने से डाइजेशन में आसानी होती है। दरअसल, इसमें मौजूद फाइबर पाचन को बढ़ावा देता है।
कोलेस्ट्रॉल के लेवल को करता है कम
अंगूर में ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। अगर आप रोजाना लाल अंगूर खाते हैं तो शरीर में मौजूद बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम हो जाता है और आप दिल से जुड़ी बीमारियों से बच सकते हैं।
मेंटल हेल्थ में होता है सुधार
लाल अंगूर खाने से याददाश्त और मेंटल हेल्थ बढ़ती है। इससे अल्जाइमर जैसी बीमारी का खतरा भी कम हो जाता है।
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