भू-नमन आसन से होगी गर्दन और कंधों की अकड़न दूर
इस आसन में गर्दन से लेकर कंधे, रीढ़ की हड्डी, पेट, जांघ, घुटने, हिप्स, पेल्विस और पैर या फिर एक तरह से कहे
भू नमन आसन दो शब्दों से मिलकर बना है। भू और नमन, जिसका अर्थ है भूमि को नमन करना। इस आसन को करने के लिए जमीन पर नितंब के बल बैठ जाएं। अपनी फ्लेक्सिबिलिटी और स्ट्रेंथ के मुताबिक पैर फैलाएं, इस दौरान आपके पंजे बिल्कुल सीधे रहें।
इस आसन में गर्दन से लेकर कंधे, रीढ़ की हड्डी, पेट, जांघ, घुटने, हिप्स, पेल्विस और पैर या फिर एक तरह से कहे की इस आसन में पूरी बॉडी ही इंगेज रहती है। एक तरह से इस आसन को करने से ओवर ऑल बॉडी की एक्सरसाइज हो जाती है। और सबसे अच्छी बात इसमें ये है कि ये आराम से बैठकर की जाने वाली एक्सरसाइज है, जिसके रोजाना अभ्यास से बहुत जल्द कमर की चर्बी को कम किया जा सकता है। और तो और सबसे अच्छी बात ये है कि इसे आप बिना ट्रेनर की मदद से भी कर सकते हैं। तो आइए इस आसन को करने का तरीका जानेंगे साथ ही साथ इसके अन्य लाभ और सावधानियां।
आसन करने का तरीका
सबसे पहले मैट पर पैरों को सीधा करके दंडासन अवस्था में बैठ जाएं।
उसके बाद लंबी गहरी सांस लें और सांस को छोड़ते हुए पहले दाईं ओर जाएं, फिर रीढ़ की हड्डी को मोड़ते हुए दाएं ओर सिर को मैट से टच करने की कोशिश करें। सिर आपके दोनों हाथों के बीच होगा।
क्षमतानुसार जितनी देर इस अवस्था में रूक सकते हैं रूकें फिर वापस सीधे बैठ जाएं।
इसके बाद फिर लंबी सांस भरें और छोड़ते हुए बाईं ओर झुकें।
शुरू में 5-6 बार धीरे-धीरे ही करें। इसके बाद स्पीड बढ़ा सकते हैं।
कम से कम 15-20 बार इसका अभ्यास करें।
रोजाना इसके अभ्यास से आपको कुछ ही दिनों में फर्क नजर आने लगेगा।
इस आसन को करने के फायदे
कमर पतला और लचीला बनता है।
इस आसन को करने से गर्दन और कंधों की अकड़न दूर होती है।
कंधे स्ट्रॉन्ग होते हैं।
जांघों की मांसपेशियां भी स्ट्रॉन्ग और फ्लेक्सिबल होती हैं।
पेट के अंदरूनी अंगों की अच्छी मसाज हो जाती है जिससे वो अपना काम सुचारू रूप से कर पाते हैं।
बॉडी में ब्लड का सर्कुलेशन सुधरता है।
आसन के वक्त बरतें ये सावधानियां
माइग्रेन के मरीज इस आसन को न करें।
गंभीर स्लीप डिस्क में भी इस आसन को करना अवॉयड करें।
सर्वाइकल पेशेंट्स के लिए भी ये आसन सही नहीं।
प्रेग्नेंट महिलाओं भी इस आसन को करने से बचें।