फूलों की खुशबू से हो जाएगा मन खुश, कुछ बातों का रखना होगा खास ख्याल

भारत में मोगरा (Mogra) काफी लोकप्रिय फूल है. मोगरे की खुशबू काफी अच्छी होती है. अनोखी खुशबू के अलावा, मोगरे (Mogra) का फूल कई औषधीय गुणों से भी भरपूर है. इसके जरिए त्वचा और बालों से जुड़ी कई परेशानियों को खत्म किया जा सकता है. यह एक नेचुरल डियोड्रेंट (Deodrant) है.

Update: 2021-12-09 16:22 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत में मोगरा (Mogra) काफी लोकप्रिय फूल है. मोगरे की खुशबू काफी अच्छी होती है. अनोखी खुशबू के अलावा, मोगरे (Mogra) का फूल कई औषधीय गुणों से भी भरपूर है. इसके जरिए त्वचा और बालों से जुड़ी कई परेशानियों को खत्म किया जा सकता है. यह एक नेचुरल डियोड्रेंट (Deodrant) है. इसे नारियल के तेल के साथ इस्तेमाल करने से आपको ड्राई स्कीन की समस्या से छुटकारा मिल सकता है. इसके 10-15 फूलों को रात भर पानी में भिगोकर, बाल धोने से बाल मुलायम और मजबूत होते हैं. आइए जानते हैं कि आप इसे गमले में कैसे उगा सकते हैं और इसी खूबसूरती का आनंद उठा सकते हैं.

मोगरे के फूलों का इस्तेमाल महिलाएं गजरे से अपने बालों को सजाने के लिए करती हैं. फूल की महक इतनी लाजबाव होती है कि इसका इस्तेमाल सुगंधित अगरबत्ती बनाने में भी किया जाता है.
कैसे तैयार करें पौधा?
मोगरे के पौधे (Mogra Plant) को नर्सरी से खरीदने के साथ ही, कटिंग से भी आसानी से तैयार किया जा सकता है. आपको बता दें कि आजकल बट मोगरा, हाथी मोगरा जैसी 7-8 तरीके के पौधे काफी चलन में हैं. यदि आप पौधे के नर्सरी से खरीद रहे हैं, तो देख लें कि उसमें पहले से फूल लगे हुए हैं. एक गमले में 7-8 टहनी एक साथ लगा दें. इसमें 45 से 60 दिनों में जड़ें विकसित हो जाती हैं. फिर, सभी पौधों को अलग-अलग गमले में लगा दें. लगाने के एक-डेढ़ महीने बाद, इसमें फूल आने लगते हैं. आपको बता दें कि पौधों को लगाने के लिए, इसके टिप पर रूट हार्मोन पाउडर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे पौधे के लगने की संभावना काफी बढ़ जाती है.
मोगरे के लिए यह मौसम है बेस्ट
मोगरे (Mogra) में गर्मियों में सबसे ज्यादा फूल लगते हैं. इसके लिए मार्च से लेकर जुलाई तक का महीना सबसे अच्छा है. जैसे-जैसे बारिश बढ़ती जाती है, इसमें फूल कम होते जाते हैं. इसके अलावा ध्यान रहे कि मोगरे के लिए हर दिन दो-तीन घंटे की धूप बहुत जरूरी है.
कैसे तैयार करें मिट्टी?
मोगरे को गमले में लगाने के लिए कम से कम 12 इंच का गमला होना चाहिए. सॉइल मिक्सिंग के तौर पर, इसमें 80% बगीचे की मिट्टी और 20% वर्मी कम्पोस्ट या पुरानी गोबर की खाद का इस्तेमाल किया जा सकता है. ध्यान रखें कि मिट्टी ज्यादा कड़ी न हो, नहीं तो पौधों को बढ़ने में दिक्कत होती है. साथ ही, गमले के निचले हिस्से में एक छोटा से छेद कर, ड्रेनेज सिस्टम को भी मजबूत करें. नहीं तो बारिश के दिनों में गमले में अधिक पानी जमा होने लगेगा और इससे पौधे की जड़ें गलने लगेगी
इन बातों का रखें खास ख्याल
वैसे तो मोगरे (Mogra) में जल्दी बीमारी नहीं लगती है. लेकिन इसमें कभी-कभी टरमाइट लग जाते हैं, जो पौधों के लिए काफी नुकसानदायक होता है. टरमाइट पर जैविक कीटनाशक कारगर नहीं हैं. इसके लिए क्लोरो फायर फोर्स केमिकल का इस्तेमाल ज्यादा फायदेमंद है. एक लीटर पानी में 5 बूंद केमिकल मिलाकर, इसे पौधों में दे दें. 10 दिनों के बाद इस प्रक्रिया को फिर से दोहराएं. इस तरह 5 महीनों तक पौधों को कोई खतरा नहीं रहेगा.
कैसे करें देखभाल
मोगरे को साल में तीन बार खाद दें. मार्च के पहले हफ्ते में, फिर करीब डेढ़ महीने के बाद अप्रैल में और आखिरी बार जून में. इससे पौधे में फूल बड़े और ताजा आएंगे. वह बताते हैं कि जब पौधा 1-2 साल पुराना हो जाए, तो उसमें बढ़ रही टहनियों को काट दें. इससे पौधे में अधिक फूल आएंगे.
कब दें पौधे में पानी?
मोगरे (Mogra) में दोनों टाइम पानी देना अच्छा रहेगा. वहीं, सर्दियों में एक-एक दिन छोड़कर पानी देना भी काफी फायदेमंद होता है. वहीं, बारिश के दिनों में गमले में अधिक पानी होने से बचाना जरूरी है।
प्लास्टिक के गमले में भूल से भी न लगाएं मोगरा
कई लोग अपने पास प्लास्टिक का गमला लाकर रखते हैं जो सही नहीं होता है. जब किसी पौधे पर 5-6 घंटे धूप लगेगी तो प्लास्टिक से हीट जनरेट होगी. जरूरत से ज्यादा हीट मिलने से उसकी जड़ें खराब होंगी और पौधा सूखने लगेगा. इसलिए या तो मिट्टी के गमले में लगाएं या फिर सीमेंट के गमले में.


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