कहते हैं बीमारियां पहले पेट में डेरा डालती हैं और उसके बाद पूरे का अपना घर बना लेती हैं. पेट साफ़ तो सौ रोग माफ़ जैसी कहावतें भी हम बचपन से ही सुनते आए हैं. इसलिए पेट की सेहत का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है. पेट की सेहत को आप अपने डाइजेस्टिव सिस्टम की सेहत से जोड़कर देख सकते हैं. पेट ख़राब होने का मतलब है हमारे इम्यून सिस्टम पर अटैक, क्योंकि शरीर का दो तिहाई इम्यून सिस्टम हमारे पेट में ही रहता है. पेट की सेहत के बारे में और भी ज़रूरी बातें बता रहे हैं रोहित शेलाटकर, डायरेक्टर/वाइस प्रेसिडेंट, विटाबायोटिक्स लिमिटेड. यह यूके की नंबर एक विटामिन कंपनी है, जो भारत में भी तेज़ी के साथ अपना विस्तार कर रही है.
आपकी सेहत में क्या है पेट का महत्व?
पेट हमारे इम्यून सिस्टम का घर है. शरीर के इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी से कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं. कुछ बेहद मामूली तो कुछ प्राणघातक समस्याएं, जैसे-ऑटो इम्यून डिज़ीज़, हार्ट डिज़ीज़, कैंसर, टाइप-२ डायबिटीज़ आदि.
जैसा की हम समझ चुके हैं कि पेट का शरीर के इम्यून सिस्टम से गहरा नाता है, इसलिए उसकी सेहत का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है. इम्यून के अलावा शरीर को अच्छा महसूस करानेवाले हॉर्मोन सेरोटॉनिन का ९०% उत्पादन पेट में ही होता है. साथ ही पेट में ३०० से ५०० प्रकार के बैक्टीरियाज़ भी होते हैं. बैक्टीरिया सुनकर आपको लग सकता है कि ये तो हमें बीमार कर सकते हैं, पर इनमें से ज़्यादातर बैक्टीरिया हमें सेहतमंद बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं. इन्हें माइक्रोब्स कहा जाता है, जो कि हमारे पेट में स्थित लार्ज इंटेस्टाइन यानी बड़ी आंत में रहते हैं. ये माइक्रोब्स पेट को तंदुरुस्त रखते हैं और हमारे इम्यून सिस्टम का भी ख़्याल रखते हैं.
कैसे पता चलता है कि पेट में सबकुछ ठीक नहीं है?
पेट के गड़बड़ होने का पता चलने के कई तरीक़े हैं. यहां बताए गए लक्षण आपको सूचना देते हैं कि आपको जल्द से जल्द अपने पेट की ओर नज़रें इनायत करना चाहिए.
* पेट ख़राब होना
* अचानक बहुत वज़न बढ़ जाना या कम हो जाना
* ठीक से नींद न आना या लगातार थकान जैसा लगना
* त्वचा से संबंधित समस्याएं, जैसे-खुजली, रैशेज़ या चकत्ते होना
* किन्हीं ख़ास फ़ूड आइटम्स को पचाने में परेशानी का अनुभव होना
ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख है, ख़राब खानपान. आमतौर पर ज़रूरत से अधिक प्रोसेस्ड फ़ूड का सेवन पेट की सेहत का कबाड़ा कर देता है. इसके बाद पेट का दूसरा सबसे बड़ा दुश्मन है स्टेस. ऐंटी बायोटिक्स और शराब का ज़रूरत से अधिक सेवन भी पेट में असंतुलन पैदा करते हैं. इन सबके अलावा अगर आप भरपूर नींद नहीं ले रहे हैं तो मानकर चलें कि आपका पेट ख़राब होनेवाला है.
कैसे रखें, पेट का ख़्याल?
चूंकि पेट हमारे लिए इतना महत्वपूर्ण है, इसलिए हमें इसको ठीक रखने के लिए आपको कुछ सावधानियां बरतनी होंगी.
x१. अपना खानपान सही रखें
प्रोसेस्ड फ़ूड, शक्कर और हाई फ़ैट फ़ूड ज़रूरत से अधिक खाने से पेट की सेहत बिगड़ जाती है. इसलिए बहुत ज़रूरी है कि हम अपने खानेपीने की आदतों की समीक्षा करें और उसमें पोषक फ़ूड्स शामिल करें. अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो हमारी खानपान की आदतें पेट में से अच्छे बैक्टीरिया को ख़त्म करना जारी रखेंगी. अच्छे बैक्टीरिया की ग्रोथ बढ़ानेवाली कुछ चीज़ें हैं-हाई फ़ाइबर फ़ूड्स, दालें, बीन्स और नट्स. इनके अलावा आपको अपनी डायट में किमची, साउक्राउट (खट्टी गोभी), कोम्बुचा और योगर्ट जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए. ये चीज़ें पेट के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देती हैं. प्रीबोयोटिक या प्रोबायोटिक सप्लिमेंट्स को भी खानपान में शामिल करना पेट की सेहत के लिए अच्छा होता है. लहसुन और प्याज़ भी अपने ऐंटी-कैंसर गुणों और इम्यूनिटी सिस्टम को मज़बूत बनाने के चलते काफ़ी अहम हैं.
२. स्ट्रेस से बनाएं दूरी
लंबे समय तक का स्ट्रेस आपके शरीर का दुश्मन है. यह आपके पेट को भी बुरी तरह प्रभावित करता है. यदि आप अपने पेट को सेहतमंद रखना चाहते हैं तो तनाव को दूर से ही बाय-बाय कहना बहुत ज़रूरी है. आप अपनी दिनचर्या में मेडिटेशन, मसाज को शामिल करें. अपनों के साथ ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त बिताएं, अपने शौक़ पूरे करने पर ध्यान दें, काफ़ी और चाय की मात्रा कम कर दें और नियमित रूप से योग करें.
३. भरपूर नींद लें
अनियमित नींद शरीर पर अपना प्रतिकूल प्रभाव छोड़ती है, ख़ासकर यह आपके पेट को बुरी तरह से प्रभावित करती है. शुरू में आम कम सोते हैं, धीरे-धीरे इसकी आदत लग जाती है और उसके बाद आपको नींद से जुड़ी दूसरी समस्याएं हो जाती हैं. आपकी सेहत तेज़ी से बिगड़ने लगती है. शरीर को पर्याप्त आराम देने के लिए कम से कम ७-८ घंटे की नींद ज़रूरी है. यदि तमाम कोशिशों के बावजूद आपकी नींद पूरी नहीं हो पा रही हो तो चिकित्सकीय सहायता लें.
कुल मिलाकर हमारा बस इतना कहना है, यदि आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो अपने पेट की सेहत को प्राथमिकता दें. उसे सेहतमंद बनाए रखने के लिए वह सबकुछ करें, जो ज़रूरी है. आप कुछ ही दिनों में अपने शरीर में सकारात्मक बदलाव देख सकेंगे.