सेक्स वर्कर की दर्दभरी कहानी, न चाहते हुए भी धकेला गया देह व्यापार की दुनिया में, दो पहने बाद हुई HIV पॉजिटिव, फिर..
सेक्स वर्क (देह व्यापार) को अक्सर 'सबसे पुराना पेशा' माना जाता है, जबकि कुछ लोग इसे सबसे पुराने उत्पीड़न के रूप में देखते हैं. देह व्यापार को लेकर कई तरह की धारणाएं हैं, लेकिन बहुत कम लोग इस मुद्दे की जड़ों और सेक्स वर्कर्स की निजी जिंदगी के बारे में करीब से जान पाते हैं, जो वास्तव में इस यौन हिंसा का शिकार होते हैं.
क्वालालंपुर के चौ किट और जालान अलोर जैसे इलाकों की रेड लाइट पर सेक्स वर्कर्स की चहलकदमी इनके कठोर जीवन की सच्चाई को उजागर करने के लिए पर्याप्त है. ये दिन के समय पर निर्भर करता है जब यहां सेक्स वर्कर्स क्लाइंट्स का इंतजार करते हैं. जो सड़कों पर नजर नहीं आते वे या तो छिपे हुए वैश्यालयों में होते हैं या फिर रेगुलर कस्टमर को होम बेस्ड सर्विस देने वाली इंडस्ट्री के संपर्क में होते हैं.
मलेशिया में सेक्स वर्कर्स की संख्या पर विश्वसनीय और सटीक आंकड़े विकसित करना अभी भी देश के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. लेकिन साल 2018 में हेल्थ मिनिस्ट्री के एक अनुमान के मुताबिक, यहां करीब 45,000 सेक्स वर्कर्स हैं जिनमें से करीब 21,000 फीमेल और 24,000 ट्रांसजेंडर सेक्स वर्कर्स हैं.
इस हिसाब से 2005 में हेल्थ मिनिस्ट्री द्वारा जारी आंकड़ों के मुकाबले सेक्स वर्कर्स की संख्या में करीब 49 फीसद इजाफा हुआ है जिसमें पुरुष, महिला और ट्रांसजेंडर सेक्स वर्कर्स की संख्या 22,000 बताई गई थी. हालांकि इस रिपोर्ट में उस महत्वपूर्ण डेटा को शामिल नहीं किया गया था जो इन सेक्स वर्कर्स को देह व्यापार के दलदल में झोंकने के लिए जिम्मेदार है. इनके सोशल-इकोनॉमिक प्रोफाइल का भी कहीं कोई जिक्र नहीं था.
इस समस्या की जड़ों को समझने और सेक्स इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलने के मूल कारणों की पहचान करना जरूरी है. इसे समझने के लिए Malay Mail ने दो यौन कर्मियों से बातचीत की, जिन्हें न चाहते हुए भी देह व्यापार में धकेला गया था. इनके प्राकृतिक स्वभाव के अलावा सभी सेक्स वर्कर्स में एक चीज बहुत ही कॉमन थी- गरीबी.
सियोमी (निकनेम) उस वक्त केवल 20 साल की थी जब उसके पार्टनर ने उसे आर्थिक तंगी के चलते देह व्यापार के लिए एक वेश्यालय को बेच दिया था. पांच साल के बच्चे की मां सियोमी (30) सेक्स वर्कर बनने से पहले एक रिटेल स्टोर में बतौर सेल्स असिस्टेंट काम करती थी. सियोमी ने बताया कि उसकी परवरिश जोहोर बोरू में एक बेहद गरीब परिवार में हुई. वह आज अपने परिवार को फाइनेंशियल सपोर्ट कर रही हैं, लेकिन उसके पेशे को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
सियोमी कहती हैं, 'मेरे परिजन बहुत बीमार रहते हैं. इसलिए मैं हर महीने उन्हें करीब 17,000 रुपए भेजती हूं, क्योंकि उनके पास आय का कोई साधन नहीं है. फुल टाइम जॉब की तरह मैं एक वैश्यालय में सप्ताह के पांच दिन करीब 8 घंटे काम करने के लिए जाती हूं.' एक नॉर्मल डे पर वह 1500 से 1800 रुपए कमा लेती है. हालांकि कोरोना फैलने के बाद उनके ग्राहक पूरी तरह खत्म हो चुके हैं और उनकी आय भी शून्य हो गई है.
करीब 10 साल तक इस पेशे में रहने वाली सियोमी ने बताया कि उन्हें अक्सर ग्राहक की गालियां और मार भी सहन करनी पड़ती है. कई बार क्लाइंट जब उनसे एक्स्ट्रा सर्विस की मांग करते हैं तो मना करने पर वे मार-पिटाई करना शुरू कर देते हैं. सियोमी ने बताया कि वे इस काम को छोड़कर वापस अपनी रिटेल की नौकरी पर जाना चाहती हैं, लेकिन पैसों की जरूरत उन्हें इस दलदल से निकलने नहीं देती.
सियोमी कहती हैं कि रिटेल की नौकरी में उन्हें मौजूदा कमाई के आधे पैसे भी नहीं मिलते हैं. उन्होंने कहा, 'एक मां होने के नाते मेरे लिए ये सब करना अब मुश्किल होता जा रहा है. मुझे अपने बेटे को रोजाना काम पर साथ ले जाना पड़ता है. मैं जिस वक्त काम पर होती हूं, मेरी सहकर्मियां उसे संभालती हैं. मेरे बेटे को इस बारे में कुछ नहीं पता है और उसके लिए मुझे बहुत बुरा भी महसूस होता है. मैं अपने बच्चे को पढ़ा-लिखाकर डॉक्टर बनाना चाहती हूं.'
एइन नाम की एक अन्य सेक्स वर्कर की कहानी भी इतनी ही दर्दनाक है. एक सौतेली मां के साए में एइन की परवरिश वैश्याओं के बीच ही हुई. देह व्यापार में उतरने से पहले परिवार के किसी सदस्य ने उसके साथ दुष्कर्म और यौन शोषण किया. 35 साल की HIV पॉजिटिव एइन ने बताया कि उसकी सौतेली मां भी एक सेक्स वर्कर थीं. एइन 6 साल की उम्र से अपने आस-पास के माहौल को समझने लगी थीं.
एइन ने बताया कि बचपन में अपने पिता और भाई के हाथों वह दुष्कर्म और यौन हिंसा का शिकार हुई थीं. उन्होंने कहा, 'मेरे सौतेले भाई के साथ मुझे पॉर्नोग्राफी कंटेंट देखने के लिए कहा जाता था. 12 साल की उम्र में मैंने अपने पिता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और मुझे कुछ समय के लिए शेल्टर हाउस में रहना पड़ा. हालांकि रिहा होने के बाद मेरे पिता मुझे फिर से वापस ले आए.'
एइन ने कहा, 'मेरे लिए यहां रहना अब आसान नहीं रह गया था. इसलिए मैं घर से भाग आई. मेरा पहचान पत्र गुम हो गया था. एक शख्स ने वैश्यालय में काम करने की शर्त पर मेरा आईकार्ड बनवाने का वादा किया था. अपना आईकार्ड पाने के लिए मैंने उसके कहने पर दो महीने तक वैश्यालय में काम किया, लेकिन इस दौरान मैं HIV संक्रमित हो गई. मुझे बाद में पता चला कि वो आदमी आईकार्ड का झूठा वादा करके मुझसे ये काम करवा रहा था.'
एइन अब मलेशिया की एक चैरिटी संस्था की देखरेख में शेल्टर होम में रह रही हैं. उसने देह व्यापार की नगरी का त्याग कर दिया है और अब वह HIV का इलाज करवा रही हैं. उसने अपने पिता को भी माफ कर दिया है, जिनका हाल ही में देहांत हुआ है. एइन ने अपनी जिंदगी में जो कुछ भी सहा है, उसे वो भगवान की परीक्षा मानकर स्वीकार कर चुकी हैं. उनकी आखिरी ख्वाहिश अपनी असली मां जमालिया मोख्तार से मिलने की है.