जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वजन घटाने के लिए इन दिनों फास्टिंग करना एक बेहद आसानी तरीका सामने आ रहा है। बीते दिनों इंटरमिटेंट फास्टिंग ने खूब सुर्खियां बटोरी थी। इस फास्टिंग के जरिए कई सेलेब्स ने भी वजन कम किया था। लेकिन क्या आपने कभी ड्राई फास्टिंग के बारे में सुना है? जी हां, वजन घटाने के लिए ये भी एक तरह की फास्टिंग ही है। ड्राई फास्टिंग को इंटरमिटेंट फास्टिंग, ऑलटरनेट दिन यानी एक दिन छोड़कर उपवास, ईट-स्टॉप-ईट या पीरियोडिक फास्ट के साथ आसानी से किया जा सकता है। हालांकि इसे करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे कई तरह के साइड इफेक्ट हो सकते हैं। यहां देखिए क्या है ये फास्टिंग और इसके नुकसान।
कई तरह की होती है ड्राई फास्टिंग
आमतौर पर ड्राई फास्टिंग दो तरह की होती है- सॉफ्ट ड्राई फास्ट और हार्ड ड्राई फास्ट।
सॉफ्ट ड्राई फास्ट- सॉफ्ट ड्राई फास्ट में, डाइटर्स को अपने दांतों को ब्रश करने, शॉवर लेने और अपने चेहरे धोने के लिए पानी का इस्तेमाल करने की अनुमति है।
हार्ड ड्राई फास्ट- इस प्रकार के फास्ट में डाइटर्स को पानी के संपर्क में आने की बिल्कुल भी अनुमति नहीं होती है।
कैसे काम करती है ये फास्टिंग
रिपोर्ट्स की मानें तो ऐसा कहा जाता है कि ड्राई फास्टिंग के दौरान जब शरीर को पानी नहीं मिलता है तो वह एनर्जी पैदा करने के लिए फैट बर्न करना शुरू कर देती है। शरीर में पानी की कमी इस पर जोर देती है और यह इंटरनरल सिस्टम को चालू रखने के लिए मौजूद एनर्जी के हर स्रोत का इस्तेमाल करना शुरू कर देती है। यह भी कहा जाता है कि ड्राई फास्टिंग डैमेज सेल्स को हटाकर इम्यूनिटी को मजबूत करने में मदद करती है, जिससे शरीर नए सेल्स को उत्पन्न कर सकता है। इसके अलावा, बार-बार फास्टिंग सूजन को कम कर सकता है और हेल्दी स्किन को बढ़ावा दे सकता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग और ड्राई फास्टिंग में फर्क
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान आप जीरो कैलोरी वाले लिक्विड ड्रिंक्स को डायट में शामिल कर सकते हैं। जैसे पानी, डायल्यूट किया एप्पल साइडर विनेगर, बिना शक्कर की कॉफी और दूध। इन सभी चीजों को फास्टिंग के दौरान पिया जा सकता है। वहीं ड्राई फास्टिंग में आपको फास्टिंग के दौरान खाने या पीने की चीज से पूरी तरह दूर रहना होता है। इस तरह का फास्ट काफी खतरनाक माना जाता है। लेकिन कुछ विशेषज्ञ इस तरह के फास्ट को कई हेल्थ बेनिफिट्स के साथ जोड़ते हैं।
साइड इफेक्ट ऑफ ड्राई फास्टिंग
लंबे समय तक फास्टिंग की स्थिति में रहने से भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं। अगर आप लंबे समय तक फास्ट रखते हैं तो हो सकता है कि
- आपको थकान महसूस होने लगे। इसके अलावा थकान, चक्कर और कमजोरी भी महसूस हो सकती है।
- खाना और पानी दोनों से परहेज करने से आपको और भी ज्यादा भूख लग सकती है और आप सामान्य से ज्यादा खाना खा सकते हैं।
- फास्टिंग के समय आप चिड़चिड़ापन महसूस कर सकते हैं और मूड स्विंग भी हो सकता है। ऐसे में कंसनट्रेशन लेवल भी कम हो सकता है।
- पोषक तत्वों, विशेष रूप से कार्बोहाइड्रेट को सीमित करने से भी सिरदर्द हो सकता है।
- चरम मामलों में और लंबे समय तक उपवास के कारण दौरे, मस्तिष्क की सूजन, गर्मी की चोट और किडनी फेलियर जैसी परेशानी भी हो सकती है।
क्या है इसे करने का सही तरीका
1) शरीर में बहुत ज्यादा टॉक्सिन के साथ ड्राई फास्ट न करें। क्योंकि इससे थकान महसूस होने की संभावना बढ़ सकती है। इस फास्ट के लिए खुद को तैयार करने का सबसे अच्छा तरीका है कि इसके लिए खुद को अच्छे से हाइड्रेट किया जाए।
2) पहले 12 घंटे से ज्यादा फास्टिंग की कोशिश न करें। शरीर को 24 या 36 घंटे के फास्ट के लिए ट्रेनिंह और तैयारी की जरूरत होती है।
3) अगर किसी भी समय आपको चक्कर, जी मिचलाना, थकान महसूस हो तो आपको उपवास तोड़ देना चाहिए। ऐसे में हल्का सलाद या प्रोबायोटिक स्मूदी खायाजा सकता है।
4) नियमित समय पर प्रेक्टिस करने पर ड्राई फास्टिंग के सबसे अच्छे रिजल्ट मिल सकते हैं।
किन लोगों को इससे बचना चाहिए?
किसी भी तरह की पहले से मौजूद बीमारी से पीड़ित लोगों को ड्राई फास्टिंग से सख्ती से बचना चाहिए। यहां तक कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी इस तरह के उपवास न करने की सलाह दी जाती है।