जानिए स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार जो जीवन में ऊर्जा और जोश का करेंगे संचार

तीव्र बुद्धि के धनी भारत के आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की आज पुण्यतिथि है

Update: 2022-07-03 11:55 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। तीव्र बुद्धि के धनी भारत के आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की आज पुण्यतिथि है। स्वामी विवेकानंद गुरु रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे। गुरु के नाम पर उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी। 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में जन्में स्वामी विवेकानंद को बचपन में नरेंद्र दत्त के नाम से पुकारा जाता था। उनका पूरा जीवन ही युवाओं के लिए आदर्श है। महज 25 साल की उम्र में सांसारिक मोह माया को त्याग कर विवेकानंद ने संन्यास ले लिया था। उनका हिंदू धर्म और आध्यात्म के प्रति गहरा लगाव था। ईश्वर की खोज पर निकले विवेकानंद को जब गुरु रामकृष्ण परमहंस मिले, तो वह प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु बन गए। बाद में उन्होंने अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म संसद में ऐतिहासिक भाषण दिया। अपने जोशपूर्ण भाषणों के कारण विवेकानंद युवाओं में काफी लोकप्रिय हो गए। हालांकि 39 साल की कम उम्र में ही 4 जुलाई 1992 में स्वामी विवेकानंद का निधन हो गया। उनके अनमोल वचन और संदेश आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्तोत्र हैं। हर साल उनकी पुण्यतिथि यानी 4 जुलाई को स्वामी विवेकानंद स्मृति दिवस के तौर पर मनाया जाता है। जानिए स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार जो जीवन में ऊर्जा और जोश का करेंगे संचार।

एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चा होना। स्वयं पर विश्वास करो।
किसी दिन जब आपके सामने कोई समस्या न आए, आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।
जो तुम सोचते हो वो हो जाओगे।
यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे,
अगर खुद को ताकतवर सोचते हो तुम ताकतवर हो जाओगे।
तुम फुटबॉल के जरिए स्वर्ग के ज्यादा निकट होगे बजाए गीता का अध्ययन करने के।
ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं।
वो हमीं हैं जो अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है।
हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिए कि आप क्या सोचते हैं।
शब्द गौण हैं। विचार रहते हैं। वे दूर तक यात्रा करते हैं।
एक विचार लो। उस विचार को अपना जीवन बना लो, उसे बारे में सोचो, उसके सपने देखो, उस विचार को जियो।
अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो।
यही सफल होने का तरीका है।
बस वही जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं।
उठो, जागो और तब तक नहीं रुको, जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाए।
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