जानिए जोड़ों और गठिया के दर्द में अंतर
हड्डियों में दर्द की समस्या पहले अधिक उम्र के लोगों में होती है। मगर आज गलत लाइफस्टाइल और खानपान के कारण कम उम्र के लोग भी इससे परेशान है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हड्डियों में दर्द की समस्या पहले अधिक उम्र के लोगों में होती है। मगर आज गलत लाइफस्टाइल और खानपान के कारण कम उम्र के लोग भी इससे परेशान है। इसके कारण कई बार शरीर में असहनीय दर्द होता है। मगर आप चाहे तो इससे बचने के लिए योगासन का सहारा ले सकते हैं। जी हां, योगा करने से हड्डियों में मजबूती आती है। इससे जोड़ों का दर्द व गठिया की समस्या से भी लाभ मिलता है। चलिए आज हम आपको World Arthritis Day के खास मौके पर हड्डियों की मजबूती के लिए कुछ खास योगासन बताते हैं। मगर इससे पहले जानते हैं जोड़ों का दर्द और गठिया में अंतर...
जोड़ों का दर्द और गठिया में अंतर
आमतौर पर लोग दोनों को एक चीज समझते हैं। मगर हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, इनमें अंतर पाया जाता है। असल में, जोड़ो में दर्द नार्मल अर्थराइटिस (Arthritis) माना जाता है। इस अवस्था में जोड़ों में सूजन होने के कारण दर्द होता है। इसके साथ ही जोड़ों को मोड़ने, घुमाने में परेशानी होती है। मगर गठिया (Gout) यानि गाउट की समस्या होने पर शरीर के छोटे-छोटे ज्वॉइंट्स में दिक्कत होती है। इसके कारण हाथ व पैर के अंगूठे में दर्द और सूजन की शिकायत होती है। साधारण ज्वाइंट पेन में मरीज को बुखार की समस्या नहीं होती है। मगर गठिया के दर्द में सूजन के अलावा बुखार हो सकता है। मगर आप कुछ आसान से योगासन करके जोड़ों के दर्द व गठिया से राहत पा सकती है।
सेतुबंधासन
अर्थराइटिस से परेशान लोगों को सेतुबंधासन करने से फायदा मिलता है। इससे पूरे शरीर में खिंचाव होता है। गर्दन, कमर और घुटनों की हड्डियों में मजबूती आती है। रोजाना इस आसन को करने से मांसपेशियों में लचीलापन और मजबूती आती है। ऐसे में बीमारियों से बचाव रहने के साथ बेहतर शारीरिक विकास में मदद मिलती है। मगर सर्वाइकल, कमर दर्द से परेशान लोगों को इस आसन को करने से बचना चाहिए।
ऐसे करें सेतुबंधासन
. इसके लिए जमीन पर पीठ के बल लेटें।
. अब घुटनों को हाथों की मदद से अंदर की ओर मोड़कर हिप्स के पास टिकाएं।
. अब पैर के पिछले भाग को हाथों से पकड़ लें।
. धीरे से गहरी व लंबी सांस लेते हुए हिप्स को ऊपर की ओर उठाएं।
. इसे आप अपनी क्षमता के मुताबिक ही ऊपर की ओर लेकर जाएं।
. कुछ सेंकेड्स इस मुद्रा में रहकर सामान्य अवस्था में आ जाएं।
. इस योगासन को 3-5 बार दोहराएं।
भुजंगासन
इस योगासन को कोबरा पोस भी कहा जाता है। इसे करने से रीढ़ की हड्डी में मजबूती आती है। इसके साथ ही कलाइयों, उंगलियों में भी मजबूती आती है। पूरे शरीर में खिंचाव महसूस होता है। इससे हड्डियों में मजबूती आने के साथ लोअर-बैक सपोर्ट भी अच्छा होने में मदद मिलती है। इसके साथ अंगुलियां में गठिया की परेशानी से राहत मिलती है
ऐसे करें भुजंगासन
. इसके लिए जमीन पर मैट बिछाकर पेट के बल लेट जाएं।
. इसके बाद सिर यानि आगे वाले हिस्से को ऊपर की ओर उठाएं।
. इसी अवस्था में कुछ देर तक रह कर गहरी सांस लें।
. बाद में सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
. फिर दोबारा इस प्रक्रिया को दोहराएं।
. रोजाना 5-7 बार इस योगासन को जरूर करें।
वीरभद्रासन
इस योगासन को करने से पैरों व बाजूओं की हड्डियों में मजबूती आती है। पूरे शरीर में खिंचाव होता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इससे बेहतर शारीरिक विकास होने में मदद मिलती है।
ऐसे करें वीरभद्रासन
. इसे करने के लिए सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाकर सीधे खड़े हो जाएं।
. अब दोनों पैरों के बीच 2-3 फीट की दूरी बनाएं।
. एक पैर आगे तो दूसरा पीछे की ओर रखें।
. दोनों पैरों को मोड़ते हुए हल्का बैठने की कोशिश करें।
. ध्यान रखें आपका दूसरा पैर एकदम सीधा होना चाहिए।
. हाथों को ऊपर की ओर ले जाकर नमस्कार मुद्रा में रखें।
. इस दौरान पैरों में खिंचाव आने लगेगा।
. इस अवस्था में कुछ सेंकेड रहकर सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
. रोजाना इस योगासन को 3-5 बार दोहराएं।
वृक्षासन
इस योगासन को करने से रीढ़ कमर और पेडू की हड्डी में मजबूती आती है। इसके साथ ही एकाग्रता शक्ति बढ़ती है।
ऐसे करें वृक्षासन
. सबसे पहले खुली व हवादार जगह पर सीधे खड़े हो जाएं।
. उसके बाद बाएं पैर के पंजों को पकड़कर दाएं पैर की जांघ पर रख दें।
. फिर दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाते हुए सीधा करें या नमस्कार की मुद्रा में रख दें।
. इसी अवस्था में कुछ देर रहकर गहरी सांस लें और छोड़ें।
. बाद में सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
. इसे दूसरे पैर से भी दोहराएं। इसके साथ ही करीब 5-5 बार इस योग को करें।