बच्चों डाइट में नमक की मात्रा का विशेष ध्यान रखना जरूरी जानिए

मानव शरीर के विकास के लिए सोडियम आवश्यक तत्व है। लेकिन जिस प्रकार अधिक सोडियम की मात्रा वयस्कों के लिए हानिकारक है उसी प्रकार बच्चों के लिए भी यह नुकसानदायक है।

Update: 2021-12-10 08:17 GMT

बच्चों डाइट में नमक की मात्रा का विशेष ध्यान रखना जरूरी जानिए 

 जनता से रिश्ता वेबडेस्क | मानव शरीर के विकास के लिए सोडियम आवश्यक तत्व है। लेकिन जिस प्रकार अधिक सोडियम की मात्रा वयस्कों के लिए हानिकारक है उसी प्रकार बच्चों के लिए भी यह नुकसानदायक है। इसलिए बच्चों की डाइट में नमक की मात्रा का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। मदरहुड हॉस्पिटल की कंसलटेंट पीडियाट्रिशन एंड नियोनिटोलॉजिस्ट डॉ रमानी रंजन के मुताबिक तय मात्रा से अधिक नमक का सेवन बच्चों में बहुत सी शारीरिक बीमारियों का कारण बन सकता है। जैसे कि मोटापा या किडनी से संबंधित बीमारियां। वैसे भी आजकल जंक फूड उनका मन पसंदीदा भोजन बन चुका है। इन खाद्य पदार्थों में अधिक नमक होता है और अगर बच्चों को बचपन में ही अधिक नमक खाने की आदत हो जाती है तो वह पूरी उम्र अधिक नमक की चीजों को खाने के आदी हो जाते है। अधिक नमक का सेवन करने से ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां होने का रिस्क तो बढ़ाता ही है, हृदय के लिए भी काफी खतरनाक हो सकता है। इसलिए आपको बच्चों की इस आदत पर अभी से नियंत्रण करना होगा। बच्चा यदि 1 साल से छोटा है तो उसे 1 ग्राम से कम और यदि एक से 4 साल के बीच का बच्चा है तो 1- 2 ग्राम के बीच और यदि 7 से 10 साल के बीच का बच्चा है तो लगभग 3-4 ग्राम तक नमक की मात्रा लेना सुरक्षित है। निम्न लक्षणों से आप पता कर सकते हैं कि बच्चा कहीं अधिक नमक का सेवन तो नहीं कर रहा।

1. अधिक प्यास लगना
अगर शरीर में अधिक नमक की मात्रा जाती है तो इसका अर्थ है कि शरीर को पानी की जरूरत भी अधिक होगी। इसलिए अगर आपका बच्चा बिना अधिक गर्मी के या बिना अधिक शारीरिक गतिविधि किए भी अधिक पानी पीता है तो वह नमक से भरपूर चीजें खा रहा है।
2. नमकीन चीजें खाने की जिद करना
अगर आप बच्चों को कुछ दिनों के लिए बाहर का खाना नहीं खाने देते तो क्या आपके बच्चे नमकीन चीजें खाने के लिए काफी जिद करते हैं? या फिर वह दिन भर चिप्स का पैकेट या पफ्स, नमकीन स्नैक्स आदि लाने को बोलते रहते हैं? अगर आपका जवाब हां है तो इसका अर्थ है आपका बच्चा नमक की चीजें खाने का आदी हो चुका है जोकि बहुत अनहेल्दी आदत है। अगर ऐसा है तो घर में कम नमक की चीजें बनाएं।
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3. ब्लड प्रेशर अधिक होना
अगर बच्चे का ब्लड प्रेशर सामान्य से अधिक है तो इसका अर्थ है वह सोडियम से भरपूर डाइट का सेवन कर रहा है। जैसे ही ब्लड प्रेशर अधिक होता है तो ब्लड वेसल्स अधिक मोटी हो जाती हैं। इससे बच्चे के हृदय को अधिक नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए बच्चे का 3 साल से ऊपर होते ही ब्लड प्रेशर जरूर नाप लें और नियमित रूप से चेक करते रहें।
4. मीठा या फैट युक्त भोजन खाए बिना ही वजन बढ़ना
अगर आपके बच्चे का वजन बढ़ रहा है लेकिन वह शुगर या फैट से युक्त चीजें नहीं खा रहा है तो आप दुविधा में पड़ सकते हैं की वजन बढ़ने का क्या कारण हो सकता है। असल में अधिक नमक का सेवन करने से भी वजन बढ़ सकता है। इसलिए अपने बच्चे के सोडियम इंटेक पर भी ध्यान दें। अगर उनकी डाइट में नमक ज्यादा है तो उसे कम कर दें।
5. अधिक पीला पेशाब आना
बच्चे के पेशाब का रंग गहरा पीला होने के कई कारण हो सकते हैं जिसमें से एक है नमक से युक्त भोजन खाना। अगर पेशाब में से स्मेल भी काफी आ रही है तो समझ जाएं कि उनकी डाइट में सोडियम अधिक है। लेकिन अंदाजे की बजाए टेस्ट करवाना बेहतर विकल्प है इसलिए खुद से किसी निष्कर्ष पर पहुंचने की बजाए बच्चे का यूरिन टेस्ट करवा लें।
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6. अक्सर बाहर खाना खाने जाना
अगर आप कहीं बाहर खाना खाने जाते हैं तो बाहर अधिकतर फास्ट फूड और अधिक नमकीन चीजें ही खाई जाती हैं। जो न तो आपके बच्चे के लिए हेल्दी है और न ही आपके लिए। इसलिए अगर बच्चों को लेकर बाहर जा रहे हैं तो बाहर भी हेल्दी चीजों का ही चुनाव करें।
अगर आप भी नमक का अधिक सेवन करते हैं तो आपके बच्चे की भी यही आदत बन जाती है। इसलिए उन्हें अच्छी और हेल्दी आदतें सिखाने के लिए आपको पहले खुद की डाइट में बदलाव करना जरूरी है।


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