जाने कैसे स्तनपान करानेवाली मांओं के लिए फ़ायदेमंद हैं खट्टे फल

Update: 2023-07-08 13:30 GMT
ताज़े फल और सब्ज़ियां स्तनपान कराने वाली महिलाओं के आहार का एक अभिन्न अंग होता है. स्तनपान के समय आप सोचती होंगी कि संतरा, मौसमी, आंवला जैसे खट्टे फलों का सेवन कर सकती हैं या नहीं. आसपास बहुत सारे ऐसे मिथक भी हैं, जो खट्टे फलों को ख़ुराक में शामिल ना करने की बात कहते हैं. माना जाता है कि खट्टे भोजन या फलों के सेवन से मां का दूध फट सकता है, खट्टे फलों के अम्लीय प्रकृति की वजह से बच्चे को एसिडिटी हो सकती या दूध का स्वाद कड़वा हो जाता है और बच्चा नहीं पीता है. लेकिन सच तो यह है कि खट्टे फल विटामिन सी, फ़्लेवोनाइड्स और फ़ाइबर का समृद्ध स्रोत होते हैं और उन्हें खाने से आपका मूड तुरंत बदल जाता है, आप तरोताज़ा महसूस करते हैं साथ ही ये आवश्यक पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं. विटामिन सी घाव भरने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल फ़ंक्शन और ऊर्जा में सुधार करता है. हमारा शरीर ख़ुद विटामिन सी नहीं बनाता है, इसलिए रोज़ाना इसका सेवन ज़रूरी होता है.
शिवानी बावलेकर, सीनियर एग्ज़ेक्यूटिव न्यूट्रिसनिस्ट, क्लाउडनाइन ग्रूप ऑफ़ हॉस्पिटल, नवी मुंबई, कहती हैं, “स्तनपान करानेवाली मांओं को रोज़ाना प्रतिदिन 3-4 फल खाने की सलाह दी जाती है, जिनमें 2 खट्टे फल शामिल करना होता है, ताकि उन्हें नीचे दिए गए सभी लाभ मिल सकें, लेकिन हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी खाद्य पदार्थ की अधिक मात्रा बच्चे के लिए परेशानी का सबब बन सकती है, इसलिए पोर्शन साइज़ को नियंत्रित रखें.”
स्तनपान कराने वाली मांओं को खट्टे फल कुछ इस तरह से प्रभावित करते हैं:
1. आयरन के अवशोषण में मदद करके मां के हीमोग्लोबिन स्तर को बढ़ाने में मदद करता है. आयरन से भरपूर भोजन के साथ हमेशा खट्टे फल, जैसे नींबू का सेवन करें.
2. यह मां को हाइड्रेटेड रखता है, ख़ासकर जब वह स्तनपान करा रही हो, साथ ही यह प्रसव के बाद घाव भरने में मदद करते हैं.
3. यह आपके इम्यूनिटी लेवल को बेहतर बनाने में मदद करता है, ताकि बच्चे को अच्छी मात्रा में ऐंटी-ऑक्सीडेंट और ऐंटी-बॉडी मिल सकें.
4. अपने कोलेजन पैदा करने वाले गुण के कारण प्रसव के बाद आनेवाले स्ट्रेच मार्क को कंट्रोल करने में मदद करता है.
5. नींबू+पुदीने का पानी, आंवलें का जूस लेने से ब्लोटिंग जैसी पाचन समस्याओं को ठीक करने में मदद मिलती है.
यह शरीर में आई अंदुरुनी सूजन को कम करने में भी मदद करता है.
6. स्तनपान के दौरान नींबू पानी का सेवन करने से न केवल आप तरोताज़ा महसूस करती हैं बल्कि हाइड्रेट भी रहती हैं. यह आपके बच्चे के लिए पर्याप्त दूध आपूर्ति में मदद करता है.
कुछ रेसिपीज़, जो आपके मिल्क सिक्रिशन में सुधार कर सकती हैं और जिनसे आपके बच्चे को आवश्यक पोषक तत्व मिलने में भी मदद मिलेगी:
1. अंगूर और कीवी का सलाद: अंगूर और कीवी का कॉम्बिनेशन विटामिन सी और फ़ाइबर का समृद्ध स्रोत है. यह पाचन और इम्यूनटी को बढ़ाने में मदद करता आपके मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाता है, कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और घाव भरने में मदद करता है.
2. टमाटर रसम: यह डायटरी फ़ाइबर से भरपूर होता है, जो आपके आंत को स्वस्थ रखकर नियमित रूप से मल त्याग में मदद करता है. रसम थायमिन, फ़ॉलिक एसिड, विटामिन ए, विटामिन सी से भरपूर होता है. यह ब्रेस्टमिल्क को बढ़ाने और बच्चे को अच्छी मात्रा में आवश्यक पोषक तत्व के लिए मददगार होता है.
3. नींबू और पुदीने का पानी: यह कॉम्बिनेशन हमारे पाचन के साथ-साथ प्रसव के बाद ब्लोटिंग की समस्या को कम करने में मददगार होता है.
4. संतरा/कीवी/स्वीट लाइम स्मूदी: लैक्टेशन स्मूदी बनाने और खाने में बहुत आसान होती हैं, साथ ही पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, जिससे ब्रेस्ट मिल्क के अच्छे प्रॉडक्शन में मदद मिलती है. विटामिन सी से भरपूर जैसे, नींबू, आंवला आदि जैसे फलों से अपने पानी के स्वाद को भी बढ़ा सकती हैं. रोज़ाना विटामिन सी के सेवन के लिए ये अच्छे विकल्प हो सकते हैं.
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