Meghalaya में दो साल के बच्चे में पोलियो इन्फेक्शन की वजह बनी इसकी वैक्सीनेशन

Update: 2024-08-24 13:31 GMT

Lifetyle.लाइफस्टाइल: बीते कुछ समय से लगातार जारी मुहिम के चलते भारत अब एक पोलियो मुक्त देश बन चुका है। हालांकि, पिछले दिनों सामने आए इसके एक मामले ने सभी की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, देश के उत्तर पूर्वी राज्य मेघालय में दो साल के एक बच्चे में पोलियो ( Meghalaya Polio Case) का मामला सामने आया है। चिंता की बात यह है कि पोलियो की वैक्सीन लेने बाद भी वह इस बीमारी की चपेट में आ गया। दरअसल, यह वैक्सीन डिराइव्ड पोलियो का मामला (Vaccine Derived Polio Case) है, जिसने पूरे राज्य खासकर पश्चिमी गारो हील्स के इलाके में चिंता काफी बढ़ा दी है। ऐसे में सभी के मन में इसे लेकर तरह-तरह के सवाल आ रहे हैं। यह वैक्सीन से होने वाले पोलियो वायरस की एक असामान्य घटना है। मेघालय में पोलियो के टीके से बच्चे में संक्रमण को हुए संक्रमण की वजह जानने के लिए हमने सीके बिड़ला हॉस्पिटल, गुरुग्राम में नियोनेटोलॉजी एंड पीडियाट्रिक्स के लीड कंसल्टेंट डॉ. सौरभ खन्ना से बातचीत की।

क्या कहते हैं डॉक्टर?
डॉक्टर बताते हैं कि मेघालय में टीकाकरण के बावजूद दो साल के एक बच्चे को पोलियो हो जाने के बाद चिंताएं बढ़ गई हैं। यह वैक्सीन डिराइव्ड पोलियो वायरस (VDPC) से जुड़ी यह एक असामान्य घटना है। ओरल पोलियो वैक्सीनेशन (ओपीवी) में जीवित लेकिन बहुत कमजोर पोलियोवायरस का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, ऐसे क्षेत्रों में जहां वैक्सीनेशन रेट कम है, ये वायरस विकसित हो सकते हैं और ज्यादा शक्तिशाली हो सकते हैं। बाद में ये वायरस उन बच्चों को पैरालाइज बना सकते हैं, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है, बिल्कुल वाइल्ड पोलियो वायरस की तरह।
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