Life style : मानसून में फोड़े फुंसी से नहीं होना चाहते परेशान आज ही कर लें इन 5 आदतों में बदलाव

Update: 2024-06-28 11:20 GMT

Life style : मानसून का मौसम उमस भरी गर्मी से राहत तो जरूर दिलाता है, लेकिन इन दिनों त्वचा से जुड़ी कई many skin related समस्याएं भी बढ़ जाती हैं। अगर आप भी इस बरसात के मौसम में अपने चेहरे को फोड़े-फुंसियों boils and pimples से बचाना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। वैसे तो पिंपल्स का आना-जाना बिल्कुल सामान्य बात है, लेकिन जब ये बार-बार होने लगें और चेहरे पर निशान छोड़ जाएं, तो ये सभी के लिए बड़ा सिरदर्द बन जाते हैं।

आइए आज हम आपकोइनके होने के 5 कारणों के बारे में बताते हैं, जिन्हें ठीक करके आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं।

बहुत से लोग आज भी खाने-पीने Many people still eat and drink के बाद हाथ धोने पर ध्यान देते हैं, लेकिन मोबाइल की स्क्रीन, उसका कवर आदि साफ करने के बारे में कोई नहीं सोचता। आपको बता दें, यह दिनभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली चीजों में से एक है, ऐसे में इस पर चिपके बैक्टीरिया आपके हाथों से आसानी से चेहरे तक पहुंच जाते हैं।

मानसून के दिनों में वातावरण में नमी की मात्रा ज्यादा होती है। ऐसे में संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है और अगर आप अक्सर अपने चेहरे को छूते हैं,

मानसून के मौसम में प्यास कम लगती है, इसलिए ज़्यादातर लोग पर्याप्त मात्रा में पानी का ध्यान नहीं रख पाते हैं। आपको बता दें, इससे त्वचा रूखी होने लगती है और इसकी नमी बनाए रखने के लिए सीबम का उत्पादन प्राकृतिक रूप से बढ़ जाता है, जिससे मुंहासे होने की संभावना बढ़ जाती है।

मानसून में बहुत ज़्यादा Very high in monsoon क्रीम का इस्तेमाल करना भी त्वचा के रोमछिद्रों को बंद करने का काम करता है। नमी की वजह से पसीना ज़्यादा आता है और क्रीम या पाउडर की मोटी परत की वजह से त्वचा के रोमछिद्र बंद हो जाते हैं, जो पिंपल्स के रूप में सामने आते हैं।

मानसून में स्किन बैरियर का ख्याल रखना बहुत ज़रूरी हो जाता है। अगर आप डेड स्किन सेल्स से छुटकारा पाने के लिए फिजिकल या केमिकल स्क्रब का भी सहारा लेते हैं, तो इससे भी त्वचा को नुकसान पहुंचता है और पिंपल्स बढ़ने लगते हैं।

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