अगर आपको भी कुल्हड़ में चाय पीने के हैं शौकीन तो जानिए सेहत के लिए कैसे है फायदेमंद
आजकल हर गली मोहल्ले में चाय की छोटी सी टपरी आपको जरुर देखने को मिल जाएगा और खासकर ऑफिस के बाहर तो इसका होना जरुरी है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| आजकल हर गली मोहल्ले में चाय की छोटी सी टपरी आपको जरुर देखने को मिल जाएगा और खासकर ऑफिस के बाहर तो इसका होना जरुरी है. हर कोई चाय का शौकीन होता है और कुछ लोग तो दिन में 3-4 कप चाय ले लेते हैं फिर चाहे वा घर के बाहर हो या फिर अंदर. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप बाहर की चाय पीकर खुद के शरीर को परेशान कर रहे हैं\
मिट्टी के कप यानी कुल्हड़ में अगर आप चाय लेते हैं तो इससे ना केवल आपको स्पेशल स्वाद आएगा बल्कि ये सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है. इससे न केवल आपका स्वास्थ अच्छा रहता है बल्कि इसका स्वाद आपके मन को खुश कर जाता है. कुछ लोग चाय कुल्हड़ में इसलिए पीना पसंद करते हैं क्योंकि यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं, तो चलिए जानते हैं क्या है इसके फायदे और क्यों पीना चाहिए कुल्हड़ में चाय.
1.अगर आप बाहर चाय पी रहे हैं तो जाहिर है कि वो प्लास्टिक से बना होगा या फिर कांच का, लेकिन ये दोनों ही स्वास्थ के लिए नुकसानदायक है. लेकिन मिट्टी से बने कुल्हड़ इको फ्रेंडली होते हैं जो फेंकने के बाद वापस मिट्टी में मिल जाती है. इसके साथ ही इससे आपका पाचन तंत्र सही रहता है और शरीर की हड्डियां मजबूत रहती हैं.
2. इसके साथ ही इसमें चाय पीने से शरीर के एसिडिक स्वभाव में कमी आती है, क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में कैल्शियम होता है और ये शरीर की एसिडिक को कम करने में मदद करता है.
3. डिस्पोजल कप या फिर प्लास्टिक कप में चाय पीने से आपकी सेहत को कई सारे नुकसान हो सकता है. क्योंकि ज्यादातर डिस्पोजल पॉली-स्टीरीन से बने होते हैं. ऐसे में गरम ताय डालन से उसके कुछ तत्व चाय के साथ पेट में भी चले जाते हैं, जिससे बीमारी हो सकती है.
4. डिस्पोजल कप या फिर प्लास्टिक कप में चाय पीने से आपका पेट खराब हो सकता है साथ ही इससे आपका पाचन तंत्र भी बुरा हो सकता है. दरअसल इसमें पाया जाने वाले एसिड चाय के साथ पेट में चले जाते हैं और ये आंतों में जमा हो जाते हैं जो पाचन तंत्र पर प्रभाव ड़ालते हैं.
5.कांच के कप में भी चाय लोग पीते हैं लेकिन इसमें मौजूद बैक्टीरिया आपकी सेहत के लिए सही नहीं है और साथ ही ये अच्छे से साफ नहीं होंते हैं. कई बार इससे फूड पायजनिंग जैसी गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है