क्या आपके साथ कार्ड क्लोनिंग फ्रॉड हुवा है?जानिए इस फ्रॉड सेकैसे बचे

Update: 2024-02-21 10:05 GMT
भारत तेजी से कैशलेस सोसायटी की तरफ बढ़ रहा है। बिल का भुगतान करना हो या पैसों का लेनदेन सब ऑनलाइन हो गया है। कोरोना काल में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन लेनदेन का सबसे सुरक्षित तरीका बनकर उभरा तो वहीं कार्ड क्लोनिंग के मामले भी तेजी से बढ़े। हालांकि इस तरह के पहले भी कई केस सामने आ चुके हैं। लेकिन, कोरोना के बाद से इस तरह की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है। कार्ड क्लोनिंग में आपके क्रेडिट कार्ड की जानकारी चुराए जाने के बाद ठगी को अंजाम दिया जाता है
कैसे होती है कार्ड क्लोनिंग? क्लोनिंग में हैकर्स आपके कार्ड को हैक करके लोगों के खातों से पैसा उड़ा लेते हैं। इस तरह के फ्रॉड में डेबिट कार्ड की जानकारियां चुराई जाती हैं। इस फ्रॉड में स्कैनिंग स्लॉट वाली डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है। ये मशीन PoS मशीनों की जैसी दिखती है, जिसकी वजह से किसी भी कार्ड होल्डर को इसपर शक नहीं होता। जैसे ही इस मशीन में कार्ड को स्वाइप किया जाता है, कार्ड की सारी जानकारियां मशीन में कॉपी हो जाती हैं। इसके बाद जालसाज यूजर्स के कार्ड के पिन का पता लगाकर ठगी को अंजाम देते हैं।
सतर्कता है जरूरी जब आप कभी सार्वजानिक जगह पर कार्ड का इस्तेमाल करते है तो सुनिश्चित करें कि आपके बहुत करीब कोई कैमरे तो नहीं लगा है, ताकि आपका कार्ड नंबर और कार्ड की अन्य जानकारियां चोरी न हो। रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंप या अन्य किसी जगह पर पीओएस मशीन से कार्ड स्वाइप करने से मशीन की जांच जरूर करें। कभी भी बहुत जल्दबाज़ी में कार्ड का इस्तेमाल न करें, क्योंकि आपकी एक छोटी लापरवाही बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचा सकती है। बैंक की तरफ से आने वाले अलर्ट को नजरअंदाज न करें।
बरते ये सावधानियां क्रेडिट और डेबिट कार्ड से पेमेंट करते वक्त अपने कार्ड के पिन का इस्तेमाल सुरक्षित तरीके से करें। समय-समय पर अपने क्रेडिट/डेबिट कार्ड के पिन नंबर को बदलते रहें। हमेशा अपने कार्ड को अपने सामने ही स्वाइप करने के लिए कहें। अपने क्रेडिट और डेबिट कार्ड के पिन नंबर कभी भी किसी के साथ शेयर न करें। डेबिट और क्रेडिट कार्ड को अपनी नजरों से ओझल न होने दें।
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