वर्तमान समय की व्यस्ततम जीवनशैली के कारण तनाव की समस्या होना आम बात हो गई हैं। आज के समय में हर व्यक्ति किसी ना किसी वजह से तनाव का शिकार हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके द्वारा लिया जाने वाला यह तनाव हृदयाघात का कारण बन सकता है। जी हाँ, आपका यह तनाव हृदयाघात के रूप में आपकी जान ले सकता हैं। इसलिए तनाव से दूर रहने के प्रयास करने चाहिए। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह तनाव आप पर असर डालता है जिसकी वजह से आपको हृदयाघात हो सकता हैं।
* बंद धमनियां
हृदयाघात तब होता है जब कोरोनेरी धमनी अवरुद्ध हो जाती है। इससे दिल के किसी विशेष हिस्से में रक्त प्रवाह बंद हो जाता है। रक्त संचार न होने से दिल और उसके उत्तकों को नुकसान पहुंचने लगता है। ऐसा क्यों होता है कि इसका कोई एक कारण नहीं होता। रक्त संचार नहीं होना तनाव के कारण हृदयाघात होने का एक मुख्य कारण है।
* रक्त-वाहिनियों को नुकसान
स्ट्रोक उस चिकित्सीय परिस्थिति को कहते हैं जिसमें मस्तिष्क की रक्तवाहिनियों को काफी नुकसान होता है। इसके साथ ही जब शरीर में सिटोकिन्स नामक केमिकल का स्तर बढ़ जाता है, तब भी स्ट्रोक होने का अंदेशा होता है। जब तनाव का स्तर बढ़ता है, इससे सिटोकिन्स का स्तर भी बढ़ जाता है। यह भी एक वजह है कि आखिर तनाव के कारण स्ट्रोक होता है।
* रक्त के थक्के जमना
तनाव के स्तर में इजाफा होने से एंड्रालाइन और कोरटिसोल के स्तर में इजाफा होता है। लेकिन तनाव और हृदयाघात में गहरा संबंध होता है। इसके साथ ही तनाव के कारण रक्त के थक्के जमने लगते हैं, इससे हृदयाघात का खतरा बढ़ जाता है। और तनाव के कारण हृदयाघात होने का यह भी एक कारण है।
* उच्च रक्तचाप
अधिक तनाव के कारण रक्तचाप भी बढ़ जाता है। और इसके कारण स्ट्रोक होने की आशंका में इजाफा होता है। जैसे ही रक्तचाप बढ़ता है, इससे आपके मस्तिष्क की रक्तवाहिनियों को नुकसान होता है। और इसी के कारण स्ट्रोक हो सकता है।
* हार्मोनल असंतुलन
हार्मोन में असंतुलन का एक बड़ा कारण होता है तनाव। इससे आपकी मेटाबॉलिक प्रक्रिया पर बुरा असर पड़ता है। मेटाबॉलिक सिंड्रोम, जैसे डायबिटीज के कारण कोलेस्ट्रॉल के स्तर में इजाफा हो जाता है। और इससे आपको दिल का दौरा पड़ने और स्ट्रोक होने की आशंका में बढ़ोत्तरी होती है।