रामबुटन विटामिन और खनिज पदार्थ का बहुत ही अच्छा स्रोत है, जो वजन कम करने से लेकर हड्डियों को मजबूत करने तक में मदद करता है. इससे डायबिटीज का भी इलाज किया जा सकता है. इस फल में मैंगनीज, जिंक, सोडियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम जैसे खनिज पदार्थ पाए जाते है. आईए जानते हैं इससे मिलने वाले फायदे के बारे में
रामबून से सेहत को मिलने वाले फायदे
रामबूटन में एंटीऑक्सीडेंट की काफी अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो कैंसर को रोकता है यह एंटीऑक्सीडेंट सूजन से लड़ सकते हैं और शरीर में कोशिकाओं को प्रभावित होने से बचा सकते हैं. एनसीबीआई (NCBI) के एक स्टडी के मुताबिक रामबूटन के छिलके कैंसर कोशिकाओं के विकास को धीमा कर सकते हैं. यह लीवर के कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
रामबूटन कब्ज को दूर करने का भी काम करता है. जिन लोगों को कब्ज से दिक्कत होती है, वो इस फल का सेवन कर सकते हैं. इस फल में इनसोल्युबल फाइबर पाया जाता है जो मल त्यागने को आसान करता है. इसके अलावा ये पाचन तंत्र को भी दुरुस्त करता है.
चीन में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक रामबूटन के छिलके में डायबिटीज से लड़ने वाले गुण पाए जाते हैं. इस छिलके का अर्क डायबिटीज से पीड़ित चूहों में ब्लड ग्लूकोस के स्तर को कम करने में प्रभावी पाया गया है. इस हिसाब से इसे डायबिटीज के लिए भी फायदेमंद माना जा सकता है.
हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए भी रामबूटन फायदेमंद माना जाता है. रामबूटन के छिलके के अर्थ में प्रचुर मात्रा में फेनोलिक नाम का कंपाउंड मौजूद होता है जो हड्डियों के लिए फायदेमंद हो सकता है. इसका सेवन करने से बोन डेंसिटी को बढ़ावा मिलता है.इसके अलावा इसमें एंटी ऑस्टियोपोरोसिस गुण भी होते हैं. रामबूटन में अच्छी मात्रा में फास्फोरस होता है, जो हड्डियों के निर्माण और उनके रखरखाव में मददगार होते हैं.
रामबूटन खाने से शरीर में ऊर्जा का संचार भी होता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इसमें कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट होते हैं. कार्बोहाइड्रेट शरीर में ग्लूकोज का निर्माण करते हैं जो ऊर्जा का मुख्य स्रोत माना जाता है.
रामबूटन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें विटामिन ए की मात्रा पाई जाती है,जो एक जरूरी पोषक तत्व है जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है.