प्रतिदिन रोजाना करें यह 5 प्रकार के योगासन, कब्ज जैसी परेशान से हमेशा रहेंगे दूर
बढ़ती उम्र में कब्ज सामान्य बात है, लेकिन कम उम्र में कब्ज की परेशानी चिंता का विषय है
बालासन करें
बालासन दो शब्दों से मिलकर बना है। इसका शाब्दिक अर्थ बच्चे की तरह बैठना है। इस योग को करने से संपूर्ण शरीर में रक्त का संचार होता है। जबकि पेट में खिंचाव पैदा होता है जो पाचन तंत्र के लिए सही होता है। इसे करने से कब्ज की समस्या बहुत जल्द दूर हो जाती है।
धनुरासन करें
इस योग को करने से पेट के अंगों में खिचांव पैदा होता है। जबकि पेट पर दवाब भी पड़ता है। इससे उत्सर्जन की प्रक्रिया सुचारू रूप से काम करने लगती है। इससे बढ़ते वजन को भी कम किया जा सकता है। इस योग को रोजाना जरूर करें।
आनंद बालासन करें
यह योग बिल्कुल बालासन समान है, लेकिन इसे पीठ के बल लेटकर किया जाता है। जबकि योग बच्चे के खुश रहने की मुद्रा है। जब बच्चा खुश होता है, तो वह अपने दोनों हाथों से दोनों पैरों के अंगूठे को पकड़ लेता है। ठीक उसी प्रकार की मुद्रा में यह योग किया जाता है। इस योग को करने से भी कब्ज से राहत मिलता है।
भुजंगासन करें
भुजंगासन दो शब्दों भुजंग और आसन से मिलकर बना है। वहीं, अंग्रेजी में इस आसन को कोबरा पोज़ कहते हैं। इस योग में सांप की तरह अपने धड़ को आगे की दिशा में उठाकर रखना होता है। इस योग को करने से पेट पर अधिक बल पड़ता है। इससे पाचन तंत्र बहुत मज़बूत होता है। अगर आपको पेट संबंधी कोई भी समस्या है तो आप रोज़ाना भुजंगासन ज़रूर करें।
पद्मासन करें
पद्मासन-पद्म अर्थात कमल और आसन अर्थात बैठने की मुद्रा इन दो शब्दों से मिलकर बना है। जिस तरह कमल कींचड़ में रहकर भी स्वच्छ और खूबसूरत रहता है। ठीक उसी तरह भौतिक दुनिया में रहकर भी इस योग से आप स्वस्थ एवं सुखी रह सकते हैं। इस योग को करने से कब्ज की शिकायत दूर होती है।