कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करने के दौरान ना करें ये गलतियां

Update: 2023-07-29 18:04 GMT
आज के इस समय में हर कोई तकनिकी का इस्तेमाल करते हुए खुद को अपडेट रखना चाहता हैं। ऐसे में देखने को मिलता हैं कि लोग अपनी आंखों के लिए चश्मे की जगह कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करने लगे हैं। खासतौर से महिलाएं चश्मा लगाने से कतराती हैं क्योंकि वे अपनी पर्सनैलिटी को बेहतर दिखाने की कोशिश में लगी रहती हैं। लेकिन कई बार महिलाएं कॉन्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करने के दौरान कुछ गलतियां कर बैठती हैं जिसकी वजह से आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में आज हम आपको कुछ बातें बताने जा रहे हैं जिन्हें कॉन्टेक्ट लेंस लगाते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए। आइये जानते हैं इनके बारे में...
लगाने से पहले हाथों को धोएं
कई बार महिलाएं इतनी जल्दी में होती हैं कि हाथों को बिना धोएं आंखों में लेंस लगा लेती हैं। इससे आपकी आंखों में इंफेक्शन हो सकता है। जी हां हाथों से आंखों में बैक्टीरिया और कीटाणु बहुत आसानी से चले जाते हैं। इसलिए जब भी लेंस लगाएं उससे पहले अपने हाथों को जरुर धो लें। ज्यादा तेल वाले साबुन का इस्तेमाल ना करें और एक बार हाथ धोने के बाद टॉवल की हेल्प से हाथों को जरुर ड्राई कर लें। हाथों को पोंछने के लिए रोंए वाले टॉवल का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। क्योंकि सूक्ष्म रोंए आंखों में जाकर आपके लिए बड़ी समस्या पैदा कर सकता है।
पाउडर और आईशैडो का नहीं करें उपयोग
एक बार अगर आपने कांटेक्ट लेंस लगा लिया है। तो इसके बाद आप पाउडर और आईशैडो का उपयोग नहीं करें तो बहुत अच्छा है। क्योंकि कई बार पाउडर आंखों के अंदर जाने से आंखों में खुजली और जलन की समस्या हो जाती है। ऐसे में आपको पाउडर और आईशैडो दोनों के उपयोग से बचना चाहिए। दरअसल आईबॉल के पास ऑयल ग्लैंड होता है। अगर इस जगह पर मेकअप अप्लाई किया तो लेंस जल्दी गंदा हो सकता है और आंखें ड्राई हो सकती है। इसलिए आंखों से किनार में मेकअप लगाने से परहेज करें।
ऐसे समय में लेंस पहनने से बचें
स्वीमिंग करते समय, बाइक चलाते समय, तेज आंधी के वक्त कांटेक्ट लेंस का उपयोग नहीं करना चाहिए। दरअसल बाइक पर या तेज आंधी में आंखों में धूल जाती है, जिससे लेंस में स्क्रेच आ सकते हैं और इनके खराब होने डर तो रहता ही है साथ ही इंफेक्शन का डर भी बना रहता है।
लेंस लगाकर सोने से बचें
कॉन्टेक्ट लेंस लगाने से पर्यावरण में ड्राईनेस और आंखों तक कम ऑक्सीजन पहुंचने की वजह से आंखों में इंफेक्शन होने का ज्यादा खतरा होता है। जब आप सोती हैं तो आंखें बंद होती हैं जिससे लेंस से बैक्टीरिया आंखों में आ जाते हैं और जलन होने लगती है। इसलिए सोते समय अपनी आंखों से लेंस लगाकर ही सोएं।
लेंस बॉक्स को साफ करना ना भूलें
लेंस के साथ उसे रखने वाले बॉक्स का भी उतना ही ध्यान रखना चाहिए। जब भी लेंस का इस्तेमाल करें उसके बाद सॉल्यूशन को बदलकर बॉक्स को अच्छे से सुखा लें। इसके लिए सबसे अच्छा होगा कि आप लेंस रखने वाले बॉक्स को 3 महीने बाद बदल लें। और हर बार लेंस को स्टोर करते समय बॉक्स में नए सॉल्यूशन का इस्तेमाल करें। कॉस्मेटिक लोशन, क्रीम या स्प्रे के संपर्क में न आने दें। लेंस को साफ करने के बाद गीला न रखें, क्योंकि नमी में सूक्ष्मजीवों के पनपने का खतरा रहता है।
आंखों को नहीं मसले
कांटेक्ट लेंस लगाने के बाद अगर आप आंखों पर और कुछ लगाते हैं। तो इससे कई बार खुजली चलने की संभावना बढ़ जाती है। खुजली करने से आपकी आंखों में लगा लेंस खराब होने और आंखों में इंफेक्शन का भय हो जाता है। इसलिए कोशिश करें कि एक बार कांटेक्ट लेंस लग जाए तो उसके बाद आंखों में कुछ नहीं लगाएं।
तय समय पर बदलें लेंस
जब तक लेंस लगाने की सलाह दी गई है, उसे तब तक ही लगाएं। तय समय के बाद तक इसे उपयोग करने पर आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। लेंस केस को भी तीन महीने बाद बदल देना चाहिए। इसे हर दिन साफ करें और अच्छे से इसके लिक्विड में ही इसे रखें।
लेंस से आंखों में ड्रार्इनेस
प्लास्टिक होने के कारण आंखों को डायरेक्ट लुब्रिकेट नहीं मिल पाता है। ऐसे में लंबे समय तक कॉन्टेक्ट लैंस लगाने से ड्राइनेस की समस्या बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए बाहर निकलते समय धूप का चश्मा लगाएं, लंबे समय तक कॉन्टेक्ट लेंस न लगाएं, पंखे की डायरेक्ट हवा ना लगे, आंखों में जलन होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। बेहतर साफ-सफाई रखनी चाहिए और इस लेंस को एक महीने के बाद फेंक देना चाहिए।
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