इस बदलते मौसम में खांसी बनी बड़ी परेशानी, इन 5 नुस्खों की मदद से पाएं राहत
मौसम में तापमान के उतार-चढ़ाव से ठण्ड-गर्म का अहसास होने लगा हैं। यह बदलता मौसम जितना सुहावना लगता हैं, उतना ही खतरनाक भी होता हैं। जी हां, इस बदलते मौसम में व्यक्ति के शरीर को ढ़लने के लिए भी समय चाहिए होता हैं और ऐसा नं होने पर कई स्वास्थ्य से जुडी परेशानियां होने लगती हैं। ऐसी ही एक परेशानी हैं खांसी जो कि इस मौसम में काफी पीड़ादायक बन जाती है। पूरे दिन काम के समय और रात को आराम के समय भी खांसी परेशानी करती हैं। इसलिए खांसी से राहत पाने के लिए आज हम आपके लिए कुछ देसी नुस्खें लेकर आए हैं। तो आइये जानते है उन नुस्खों के बारे में।
अदरक
अदरक का रस और शहद समान मात्रा में लेकर (1-1 चम्मच की मात्रा में) इनको मिलाकर मामूली-सा गर्म करके दिन में 3-4 बार लेने से बलगमी खांसी ठीक हो जाती है। बच्चों की खांसी में इस मिश्रण की 1-2 ऊँगली में जितना मिश्रण आ जाए, उतना ही दिन में 2-3 बार लेना ही काफी है। सिर्फ 2-3 दिन में लाभ हो जाएगा। साथ ही नजला, जुकाम भी ठीक हो जायेगा।
मुलहठी
दो कप पानी में 5 ग्राम मुलहठी चूर्ण डालकर इतना उबालें कि पानी का आधा कप ही बचे। इस पानी को आधा सुबह और आधा शाम को सोने से पहले पी लें। सुबह जब भी ये लेवें तब इसके कम से कम एक घंटा पहले और बाद में कुछ भी खाना पीना नहीं है। यह प्रयोग 3-4 दिन तक करना है। इस पानी को दोबारा गर्म करने की ज़रूरत नहीं। इसको ढककर रखें। इस प्रयोग से कफ़ पतला और ढीला हो जाता है। जिससे बड़ी आसानी से कफ़ निकल जाता है और खांसी, दमा के रोगी को बड़ी राहत मिलती है।
हल्दी
खांसी से पीड़ित रोगी को गले व सीने में घबराहट हो तो गर्म पानी में हल्दी और नमक मिलाकर पीना चाहिए। हल्दी का छोटा सा टुकड़ा मुंह में डालकर चूसते रहने से खांसी में आराम मिलता है।
काली मिर्च
काली मिर्च और मिश्री समान मात्रा में लेकर तथा पीसकर इसमें इतनी मात्रा में देशी घी मिलाएं कि गोली-सी बन जाए यह 1-1 गोली दिन में 4 बार टॉफी की तरह चूसने से खांसी के अलावा ब्रोंकाइटिस, गले की खराश तथा गला बैठना आदि रोगों में भी फायदेमंद है।
गिलोय
यह anti-allergic होता है जो नाक और गले की एलर्जी में काफी फायदेमंद है जो खांसी होने की वजह बनती है। गिलोय से हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति में भी इजाफा होता है। जब धुम्रपान या प्रदूषण से खासी होती है तो गिलोय का उपाय उपचार में काफी मददगार होता है।