जबरदस्त फायदे दिलाता हैं कटहल का सेवन, जानें कैसे है ये सेहत के लिए लाभकारी

Update: 2024-04-14 12:29 GMT
भारत को अपनी विविधता के लिए जाना जाता हैं और ये विविधता यहां की सब्जियों में भी देखने को मिलती हैं। आज इस कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं कटहल के बारे में जिसको लेकर लोग असमंजस में रहते हैं कि ये सब्जी है या फल। आपको बता दें कि कटहल दुनिया के सबसे बड़े फलों में से एक है। कटहल का इस्तेमाल न केवल सब्जी बनाने में बल्कि अचार, पकौड़े और कोफ्ता बनाने में भी किया जाता है। कटहल में फाइबर के साथ कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं जैसे, विटामिन A, C, थाइमिन, पोटैशियम, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन, आयरन, नियासिन और जिंक। हांलाकि कई लोग इसे खाने से कतराते हैं, लेकिन हम आपको कटहल से मिलने वाले कुछ बेमिसाल फायदों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें जानने के बाद आप भी इसे खाने से नहीं कतराएंगे। आइये जानते हैं इसके बारे में...
बीपी को नियंत्रण में रखे
यदि आपको हाई बीपी की समस्या है तो ऐसे में आपको कटहल का सेवन करना चाहिए। कटहल में फ्लेवोनोन्स की मात्रा अधिक होती है, जो न केवल रक्तचाप को कम करने में मदद करता है, बल्कि ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी सामान्य बनाए रखने में मदद करता है।
कैंसर में फायदेमंद
कैंसर जैसी गंभीर समस्या की रोकथाम के लिए कटहल का सेवन करना फायदेमंद साबित हो सकता है। इस पर हुए एक शोध से जानकारी मिलती है कि कटहल लिग्नांस, आइसोफ्लेवोंस और सैपोनिन जैसे फाइटोन्यूट्रिएंट्स से समृद्ध होता है, जो एंटी कैंसर गुण प्रदर्शित कर सकता है। इसका यह गुण कैंसर की रोकथाम में मदद कर सकता है।
शुगर लेवल को रखे कंट्रोल
कटहल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जो आपके यह आपके ब्लड में शुगर लेवल शर्करा को बढ़ने से रोकने में मदद करता है। यह डायटरी फाइबर का एक अच्छा स्रोत हैं। ऐसे में एक डायबिटीज पेशेंट कटहल का सेवन करके अपनी हेल्थ का ख्याल रख सकता है। आपको शायद पता ना हो, लेकिन दैनिक आहार में कटहल को शामिल करने से टाइप -2 मधुमेह और हृदय संबंधी समस्याओं जैसी पुरानी बीमारी के जोखिम को कम किया जा सकता है। ऐसा इसमें मौजूद कैरोटीनॉयड की उच्च मात्रा के कारण संभव है।
सही रहेगा डाइजेशन
कटहल अल्सर और पाचन संबंधी समस्या को दूर करता है। कब्ज की समस्या को दूर करने में भी यह बहुत फायदेमंद है। कटहल की पत्तियों की राख अल्सर के इलाज के लिए बहुत उपयोगी होती है। हरी ताजा पत्तियों को साफ धोकर सुखा लें। सूखने के बाद पत्तियों का चूरन तैयार करें। पेट के अल्सर से ग्रस्त व्यक्ति को इस चूरन को खिलाएं। अल्सर में बहुत जल्दी आराम मिलेगा।
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