कब्ज और दस्त की नहीं होगी शिकायत, बस ना करें ये गलतियां
बस ना करें ये गलतियां
भारतीय खाना और आज के समय में हमारी लाइफस्टाइल कुछ ऐसी है कि पेट में तकलीफ और परेशानी होना स्वाभाविक है। अब अगर पेट की समस्या के लिए ज्यादा दवाएं खाई जाएंगी, तो यकीनन समस्या होगी ही। ऐसे समय में ना सिर्फ कब्ज हो सकता है, बल्कि आपका पेट भी खराब हो सकता है। गैस्ट्रिक समस्याएं भी इनडाइजेशन की वजह से ज्यादा परेशान करती हैं।
आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स ब्रांड द कदंब ट्री की फाउंडर और BAMS (Bachelor of Ayurveda Medicine) डॉक्टर दीक्षा भावसार ने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इससे जुड़ी आयुर्वेदिक रेसिपी शेयर की है। डॉक्टर दीक्षा के मुताबिक, अगर आपको अपच की शिकायत हो रही है, तो उसका मुख्य कारण आपकी गलतियां भी हो सकती हैं।
कई लोग आयुर्वेद के नियमों का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं जिसके कारण उनकी समस्याएं बढ़ती जाती हैं।
सुबह उठकर पानी पीने का नियम बन सकता है अपच का कारण
डॉक्टर दीक्षा कहती हैं कि लोग अक्सर एक ही नियम को अपनी सुविधा के हिसाब से बदल लेते हैं। सुबह उठकर अगर आप 1 लीटर या उससे ज्यादा ठंडा या रूम टेम्परेचर वाला पानी पी लेते हैं, तो यह फायदा करने की जगह नुकसान ज्यादा करेगा। उनके हिसाब से आयुर्वेद में कभी यह नहीं कहा जाता है कि आप ठंडा या रूम टेम्परेचर वाला पानी सुबह उठकर सबसे पहले पिया जाए। उसपर अगर आप सीधे 1 लीटर पानी पी लेते हैं, तो यह वैसा ही होगा जैसे आग पर एक बाल्टी पानी डाल देना। ऐसा करने से शरीर की डाइजेस्टिव फायर कम होती है।
नी पीना आपको फायदा करने से ज्यादा नुकसान करेगा। कई मामलों में सुबह उठकर एकदम से ठंडा पानी पीने के कारण आपके ब्रेन स्टेम सेल्स पर भी असर पड़ सकता है और इससे सेंट्रल नर्व्स सिस्टम खराब हो सकता है।
सुबह उठकर पानी पीने को लेकर क्या कहता है आयुर्वेदिक नियम?
डॉक्टर दीक्षा के मुताबिक, अगर आपको सुबह उठकर पानी पीना भी है, तो एक ग्लास गुनगुना पानी सिप-सिप कर पिएं। आयुर्वेद का भी यही नियम है जो आपकी सेहत के लिए अच्छा साबित हो सकता है। गुनगुना पानी मेटाबॉलिज्म के लिए अच्छा होता है और यह आपके लिवर और किडनी पर एकदम से बहुत प्रेशर नहीं डालता है। पानी पीने की लिमिट भी आपकी कैपेसिटी पर निर्भर करती है और यही ठीक होता है कि आप ज्यादा से ज्यादा दो ग्लास पानी पिएं।
डाइजेशन ठीक रखने के लिए खड़े होकर पानी बिल्कुल ना पिएं
डॉक्टर दीक्षा के मुताबिक, दूसरी गलती यही होती है कि लोग खड़े होकर पानी पीना शुरू कर देते हैं। अगर आप खड़े होकर पानी पीते हैं, तो इसका असर आपकी किडनी पर गलत तरीके से पड़ता है। बैठकर पानी पीने से आपके शरीर में न्यूट्रिएंट्स ठीक तरह से फिल्टर होते हैं और पानी को जिस रास्ते जाना चाहिए उसी रास्ते जाता है। अगर आप खड़े होकर पानी पीते हैं, तो पानी सीधे फोर्स से पेट तक चला जाता है। इससे आपकी नर्व्स टेंशन में आ सकती हैं। (किडनी की समस्या)
पानी हमेशा तभी पीना चाहिए जब आपको प्यास लगे। जबरन पानी पीने की कोशिश करने से दिक्कत हो सकती है। पानी पीने का तरीका भी यही है कि आप सिप-सिप कर पानी पिएं। कई लोग एक सांस में बहुत सारा पानी गटक लेते हैं जिससे बहुत तकलीफ हो सकती है।
सही डाइजेशन के लिए क्या होना चाहिए पानी का तापमान?
या तो आप रूम टेम्प्रेचर में थोड़ा पानी पिएं या फिर सिप-सिप कर गुनगुना पानी पिएं। अगर आपको अपने डाइजेशन का ख्याल रखना है, तो आप बहुत ठंडा पानी पीने से बचें।
आपको यह नहीं समझना चाहिए कि ज्यादा पानी पीने से आपकी स्किन, इम्यूनिटी, डाइजेशन आदि सब ठीक हो जाएगा। ऐसा नहीं होगा, बल्कि अगर आप ज्यादा पानी एक साथ सुबह-सुबह पिएंगे, तो शरीर में कफ दोष ज्यादा तेजी से बढ़ जाएगा। शरीर को चलाने के लिए पानी पीना जरूरी है, लेकिन जरूरत से ज्यादा पानी इसे बर्बाद भी कर सकता है।
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