क्या आप पेट की आम समस्याओं से परेशान हैं? तो अनन्नास को खानपान में शामिल करें

Update: 2023-06-27 11:55 GMT
गैस, पित्त जैसी पेट की समस्याओं से राहत दिलाने में अनन्नास की भूमिका को आयुर्वेद में भी सराहा गया है. अमूमन भारत के हर हिस्से में पैदा होनेवाला यह फल हमारी बॉडी को डीटॉक्स करने में बेहद कारगर होता है. आइए, मानव इतिहास में इस फल के सफ़र और हमारे शरीर के लिए इसकी उपयोगिता पर एक नज़र डालते हैं.
दक्षिण अमेरिका से पूरी दुनिया तक पहुंचने की अनन्नास यात्रा
यह मूल रूप से दक्षिण अमेरिका महाद्वीप का फल है. वहां भी अनन्नास का मूल स्थान ब्राजील माना जाता है. कहते हैं पहले-पहल समद्री यात्री कोलम्बस ने अनन्नास का परिचय यूरोप के लोगों से कराया. इसके बाद सारी दुनिया में इसका प्रसार होता गया. इस बात का भी उल्लेख मिलता है कि वर्ष 1502 में पुर्तगालियों के साथ अनन्नास भारत पहुंचा था. आज भारत में लगभग हर जगह अनन्नास पैदा होता है. जुलाई से लेकर नवम्बर तक यह हर जगह उपलब्ध रहता है.
क्वॉलिटी की बात करें तो म्यानमार, मलेशिया तथा फ़िलिपीन्स द्वीपसमूह में पैदा होनेवाला अनन्नास को उत्तम कोटि का माना जाता है.
अनन्नास के पोषक तत्व
अनन्नास में 86.5% पानी होता है. उसके बाद सबसे अधिक मात्रा होती है शर्करा की, जो लगभग 12% होती है. इसमें वसा की मात्रा बेहद कम (0.1%) होती है. इसमें आपको 0.6% प्रोटीन, 0.12% कैल्शियम, 0.01% फ़ॉस्फ़ोरस भी मिलता है. इसके अलावा विटामिन ए, बी 2 और सी की मौजूदगी भी अनन्नास में होती है.
अनन्नास में जो 12% शर्करा पाई जाती है, उसका 4% भाग ग्लूकोज़ के रूप में होता है. इसमें पाए जाने वाले एसिड में 87% नींबू में पाया जानेवाला एसिड तथा 13% मैलिक एसिड होता है. यह एसिड शरीर के लिए बेहद लाभदायक होता है. अनन्नास में ब्रोसमेलिन नाम का एंज़ाइम भी पाया जाता है, जो भोजन को पचाने में मदद करता है. जिन लोगों को पाचन की समस्या होती है, उनके लिए तो अनन्नास वरदान की तरह है.
अनन्नास के फ़ायदे
यह बहुत ही स्वादिष्ट फल है. अनन्नास में काफ़ी मात्रा में क्लोरीन पाया जाता है, जिससे मूत्रपिंड की कार्य-प्रणाली को गति मिलती है. यह शरीर के अंदर स्थित विषैले और निरर्थक पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होता है. आयुर्वेद ने अनन्नास के अनेक गुणों के बारे में लिखा गया है. जैसे-पका हुआ अनन्नास मूत्रल होता है, इससे टॉक्सिक चीज़ें बाहर निकल जाती हैं. यह एक पित्तनाशक फल है. इसकी प्रकृति पाचक होती है. यह गैस को पेट से बाहर निकाल देता है. जिन लोगों को पेट में गैस की समस्या हो, उन्हें यह फल अपने खानपान में ज़रूर शामिल करना चाहिए.
अनन्नास का ताज़ा रस गले को सुखद एहसास दिलाता है. यह कई तरह के रोगों से गले की रक्षा करता है. कंठरोहिणी (डिफ्थेरिया) तथा मुंह व गले के रोगों में यह बहुत लाभकारी है. अनन्नास के रस में कीटाणुनाशक गुण होते हैं. अनन्नास का रस पित्तनाशक, पेट के कीड़ों को नष्ट करनेवाला तथा हृदय के लिए हितकारी है.
अनन्नास का ख़ाली पेट सेवन नहीं करना चाहिए. इसका बाहरी छिलका और एकदम अंदर का कड़ा भाग निकाल देना चाहिए. शेष गूदे को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लेना चाहिए. बाद में इसका रस निकालना चाहिए. प्रेग्नेंट महिलाओं को कच्चे अथवा बहुत ज़्यादा पके हुए अनन्नास का सेवन नहीं करना चाहिए.
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