जनता से रिश्ता वेबडेस्क | एड्स के लक्षण और बचाव: प्रति वर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में दुनिया भर में मनाया जाता है। एड्स दिवस दुनिया भर में एड्स बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने, इस पर चर्चा करने, इससे मानव जीवन को इस बीमारी से बचाने के लिए और एड्स पीड़ित मरीजों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करने और उन्हें सामान्य जीवन जीने में मदद करने के लिए मनाते हैं। आज के इस लेख में हम एड्स बीमारी के लक्षण, फैलने के कारण, और बचाव के बिंदुओं पर चर्चा करेंगे।
एड्स से कैसे बचें। एड्स आज विश्व के सामने एक खतरनाक बीमारी के रूप में मौजूद है। इसके खतरे को देखते हुए आज हरेक व्यक्ति यह जानना चाहता है की एड्स से कैसे बचें। यह एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई कम्प्लीट इलाज नहीं है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि इस बीमारी से बचा ही नही जा सकता। इस बीमारी का एकमात्र इलाज है इसके प्रति जानकारी, जागरूकता एवं बचाव तथा सावधानी।Table of Contents
World AIDS Day 2022: Symptoms and Preventions| एड्स के लक्षण और बचाव
एच.आई.वी./ एड्स क्या है?
एड्स का खतरा किसके लिए ?
एड्स रोग कैसे फैलता है?
एड्स से बचाव :
एच.आई.वी. संक्रमण पश्चात विभिन्न बीमारिंयों के लक्षण:
एड्स निम्न तरीकों से नहीं फैलता है:
FAQ:
AIDS Full form?
HIV Full Form?
एड्स से बचाव क्या है?
How to prevent from aids?
एड्स से संक्रमित होने पर क्या हो सकता है?
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एच.आई.वी./ एड्स क्या है?
एड्स से कैसे बचें: एचआईवी संक्रमित व्यक्ति में एड्स की पहचान संभावित लक्षणों के दिखने के पश्चात ही हो पाती है। रोग रोकथाम एवं निवारण केंद्र द्वारा एड्स के संभावित लक्षण बताये गए हैं। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति, जो किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित नहीं है, में एड्स के लक्षणों की जाँच विशेष रक्त जाँच (cd4+ कोशिका गणना) के आधार पर की जा सकती है।
एचआईवी संक्रमण का अर्थ यह नहीं है कि वह व्यक्ति एड्स से भी पीड़ित हो। एड्स के लक्षण दिखने में 8 से 10 वर्ष तक का समय लग सकता है। एड्स की पुष्टि चिकित्सकों द्वारा जाँच के पश्चात ही की जा सकती है।
एचआईवी संक्रमण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को इस हद तक कम कर देता है कि इसके बाद शरीर अन्य संक्रमणों से लड़ पाने में अक्षम हो जाता है। इस प्रकार के संक्रमण को “अवसरवादी” संक्रमण कहा जाता है क्योंकि ये अवसर पाकर कमजोर हो रहे प्रतिरक्षा प्रणाली पर हावी हो जाते हैं जो बाद में एक बीमारी का रूप ग्रहण कर लेती है।
एड्स प्रभावित लोगों में हुए कई संक्रमण, जो गंभीर समस्या पैदा कर सकते हैं या जानलेवा हो सकते हैं, को शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली नियंत्रित करती है। एड्स शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को इतना दुष्प्रभावित कर देता है। एड्स का पूर्ण रूप से उपचार अभी तक संभव नहीं हो सका है। इस गंभीर बीमारी की रोकथाम या इसका उपचार करना आवश्यक हो जाता है।
एड्स का खतरा किसके लिए ?
एक से अधिक लोगों से यौन संबंध रखने वाला व्यक्ति।
नशीली दवाईयां इन्जेकशन के द्वारा लेने वाला व्यक्ति।
वेश्यावृति करने वालों से यौन सम्पर्क रखने वाला व्यक्ति।
यौन रोगों से पीडित व्यक्ति।
पिता/माता के एच.आई.वी. संक्रमण के पश्चात पैदा होने वाले बच्चें।
बिना जांच किया हुआ रक्त ग्रहण करने वाला व्यक्ति।
एड्स रोग कैसे फैलता है?
एड्स से कैसे बचें इसके लिए हमें यह जानना जरुरी है की यह फैलता कैसे है। एड्स निम्न तरीके सा असावधानी से फैलता है।
एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन सम्पर्क से।
एच.आई.वी. संक्रमित सिरिंज व सूई का दूसरो के द्वारा प्रयोग करने सें।
एच.आई.वी. संक्रमित मां से शिशु को जन्म से पूर्व, प्रसव के समय, या प्रसव के शीघ्र बाद।
एच.आई.वी. संक्रमित अंग प्रत्यारोपण से।
एड्स से बचाव :
एड्स से कैसे बचें इसके लिए हमें जीवन में सावधानियां बरतनी चाहिए। एड्स से बचाव एड्स से बचाव के लिए सामान्य व्यक्ति को एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्ति के वीर्य, योनि स्राव अथवा रक्त के संपर्क में आने से बचना चाहिए। साथ ही साथ एड्स से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए।
पीड़ित साथी या व्यक्ति के साथ यौन सम्बन्ध स्थापित नहीं करना चाहिए, अगर कर रहे हों तो सावधानीपूर्वक कंडोम का प्रयोग करना चाहिए। लेकिन कंडोम इस्तेमाल करने में भी कंडोम के फटने का खतरा रहता है। अपने जीवनसाथी के प्रति वफादार रहें, एक से अधिक व्यक्ति से यौन संबंध ना रखें।
खून को अच्छी तरह जांचकर ही उसे चढ़ाना चाहिए। कई बार बिना जांच के खून मरीज को चढ़ा दिया जाता है जोकि गलत है। इसलिए डॉक्टर को खून चढ़ाने से पहले पता करना चाहिए कि कहीं खून एच.आई.वी. दूषित तो नहीं है।
उपयोग की हुई सुईओं या इंजेक्शन का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि ये एच.आई.वी. संक्रमित हो सकते हैं।
दाढ़ी बनवाते समय हमेशा नाई से नया ब्लेड उपयोग करने के लिए कहना चाहिये।
एड्स से जुड़ी हुई भ्रांतियों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। • जीवन-साथी के अलावा किसी अन्य से यौन संबंध नही रखे।
यौन सम्पर्क के समय निरोध (कण्डोम) का प्रयोग करें।
मादक औषधियों के आदी व्यक्ति के द्वारा उपयोग में ली गई सिरिंज व सूई का प्रयोग न करें।
एड्स-लाइलाज है- बचाव ही उपचार है ।
एच.आई.वी. संक्रमण पश्चात विभिन्न बीमारिंयों के लक्षण:
एच.आई.वी. संक्रमण पश्चात लक्षण एच.आई.वी. पोजिटिव व्यक्ति में 7 से 10 साल बाद विभिन्न बीमारिंयों के लक्षण पैदा हो जाते हैं जिनमें ये लक्षण प्रमुख रूप से दिखाई पडते हैः
गले या बगल में सूजन भरी गिल्टियों का हो जाना।
लगातार कई-कई हफ्ते अतिसार घटते जाना।
लगातार कई-कई हफ्ते बुखार रहना।
हफ्ते खांसी रहना।
अकारण वजन घटते जाना।
मूंह में घाव हो जाना।
त्वचा पर दर्द भरे और खुजली वाले ददोरे/चकते हो जाना।
उपरोक्त सभी लक्षण अन्य सामान्य रोगों, जिनका इलाज हो सकता है, के भी हो सकते हैं. किसी व्यक्ति को देखने से एच.आई.वी. संक्रमण का पता नहीं लग सकता- जब तक कि रक्त की जांच ना की जाय।
एड्स निम्न तरीकों से नहीं फैलता है:
एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्ति के साथ सामान्य संबंधो से जैसे हाथ मिलाने एक साथ भोजन करने एक ही घडे का पानी पीने एक ही बिस्तर और कपडो के प्रयोग एक ही कमरे अथवा घर में रहने एक ही शौचालय स्नानघर प्रयोग में लेने से बच्चों के साथ खेलने से यह रोग नहीं फैलता है मच्छरों /खटमलों के काटने से यह रोग नहीं फैलता है।
यदि कोई व्यक्ति अनजाने में HIV से संक्रमित हो भी जाता है तो वह डॉक्टर से सलाह एवं उचित इलाज करवाकर तथा योग- प्राणायाम के माध्यम से एक नार्मल लाइफ जी सकता है। चुकी यह एक बीमारी है और किसी को भी किसी कारण से हो सकता है इसलिए एड्स संक्रमित व्यक्ति से किसी भी प्रकार का भेद भाव नहीं करना चाहिए क्योकि यह छुआ छूट की बीमारी नहीं है। इससे सम्बंधित भ्रांतियों से दूर रहना चाहिए।
FAQ:
AIDS Full form?
Acquired Immune Deficiency Syndrom
HIV Full Form?
Human Immunodeficiency Virus
एड्स से बचाव क्या है?
एड्स से बचाव के लिए एड्स संक्रमित मरीज का खून ना चढावें, यौन संबंध ना रखे और अन्य चिकित्सीय सलाह को अमल में लाएं। इनफेक्टेड सूई या ब्लेड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
How to prevent from aids?
एड्स से खुद को बचाने के लिए एक सामान्य व्यक्ति को एड्स से संक्रमित व्यक्ति के वीर्य, रक्त आदि के संपर्क में नहीं आना चाहिए, यौन संबंध नहीं रखना चाहिए। जांच किए गए उनको ही चढ़ाना चाहिए।
एड्स से संक्रमित होने पर क्या हो सकता है?
एड्स से संक्रमित होने पर शरीर की इम्यूनिटी अथवा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। जिसके कारण शरीर अनेक बीमारियों से लड़ने में सक्षम नहीं रहता है। जिसके कारण हम हमेशा बीमार रहते हैं। और शरीर कमजोर होता जाता है। हालांकि आजकल एडवांस्ड चिकित्सा से इलाज होता है जिससे मरीज कई सालों तक सामान्य जीवन जीता है ।