सोडा: मूड ख़राब करनेवाले खाद्य पदार्थों में सबसे टॉप पर है सोडा. सोडा न केवल हमारा वज़न बढ़ाते हैं, बल्कि मूड किलर का काम भी बख़ूबी करते हैं. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि सोडा में मिली शक्कर हमारे रक्त में तेज़ी से घुलती है. इसका नतीजा होता है, हमें अचानक बेहद एनर्जेटिक फ़ील होता है. पर यह एनर्जी जितनी तेज़ी से मिलती है, उतनी ही तेज़ी से चली भी जाती है. आप तो जानते ही हैं, बिना एनर्जी के हमारा मूड ख़राब हो जाता है.
पोटैटो चिप्स: आलू के चिप्स कई लोगों के कम्फ़र्ट फ़ूड होते हैं. पर इनका सेवन कभी-कभी के लिए ही ठीक है. रोज़ाना आलू चिप्स खाने से यही कम्फ़र्ट फ़ूड आपके जी का जंजाल बन जाएगा. विशेषज्ञों की मानें तो इन चिप्स में मौजूदा ओमेगा 6 फ़ैटी एसिड्स, मूड को ख़ुशगवार रखनेवाले ओमेगा 3 फ़ैटी एसिड के प्रोडक्शन को रोकते हैं, जिससे मूड ख़राब हो जाता है.
नमकवाली मूंगफली: जब अगली बार कहीं बाहर जाएं, फ्री में मूंगफली मिल रही हो तो उसपर टूट न पड़ें. नमकीन मूंगफली में सोडियम की मात्रा काफ़ी होती है, इसके अलावा फ़ूड एडिटिव्स, जैसे-मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) भी होते हैं. नमकीन मूंगफली का रोज़ाना और काफ़ी मात्रा में सेवन मूड स्विंग, माइग्रेन जैसे इश्यूज़ पैदा कर सकता है.
नॉन-ऑर्गैनिक फल और सब्ज़ियां: नॉन-ऑर्गैनिक फलों और सब्ज़ियों में पेस्टिसाइड्स यानी कीटनाशक होते हैं. कीटनाशकों में कई न्यूरोटॉक्सिन्स का इस्तेमाल किया जाता है, ये टॉक्सिन्स जब हमारे शरीर में आते हैं, तब एंज़ायटी और मूड स्विंग जैसी समस्याएं पैदा करना शुरू करते हैं. तो बेहतर होगा, जितना संभव हो सके नॉन-ऑर्गैनिक फलों और सब्ज़ियों के सेवन से बचें.
कॉफ़ी: अगर आप कॉफ़ी के दीवानों में से हैं तो आपके लिए बुरी ख़बर है. अगर आप दिन में कई कप कॉफ़ी गटक जाते हैं, तो आपके अंदर बहुत ज़्यादा कैफ़ीन जगह बना लेगा. कैफ़ीन को मूड स्विंग और एन्ज़ायटी बढ़ाने के लिए जाना जाता है.